सपा और बसपा गठबंधन पर मुस्लिम उलेमा नहीं कही यह बड़ी बात!

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लोकसभा चुनाव के लिए सपा-बसपा गठबंधन होने पर देवबंदी उलमा ने खुशी जताई है। उलमा का कहना है कि बीजेपी को रोकने के लिए यह गठबंधन सफल साबित होगा और इससे भाजपा को भारी नुकसान पहुंचेगा। साथ ही यह भी कहा कि देश में फिर से अच्छे लोगों के आने और अच्छी सरकार बनने की उम्मीद जगी है।

मजलिस इत्तेहाद-ए-मिल्लत के प्रदेशाध्यक्ष मुफ्ती अहमद गौड़ ने कहा कि सियासी और सामाजी दृष्टिकोण से यह गठबंधन लोकतांत्रिक मजबूती का प्रतीक बनेगा। इस गठबंधन से फिरकापरस्त ताकतों को झटका लगेगा क्योंकि उत्तर प्रदेश एक बहुत ही महत्वपूर्ण और बड़ा प्रदेश होने के साथ ही इतना प्रभावशाली है कि इसका असर पूरे देश पर पड़ता है।

उन्होंने कहा कि हमारा देश कृषि प्रधान देश है जिसका एक बड़ा हिस्सा उत्तर प्रदेश को माना जाता है। सपा सरकार ने अपने शासन में किसानों का खास खयाल भी रखा। इस तरह के नेताओं का आपस में गठबंधन करना यह बात सिद्ध करता है कि वह पिछड़ों, दलितों, ओबीसी और वंचितों को उनका अधिकार दिलाना चाहते हैं।

मुफ्ती अहमद ने कहा कि ऐसे लोगों का सत्ता में आना इसलिए जरूरी है कि जब कमजोर लोग आर्थिक रुप से मजबूत होंगे तो देश मजबूत होगा और तरक्की करेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा मुसलमानों को डराने की भावना से जीने को मजबूर करती है जिसके चलते मुसलमान खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

इत्तेहाद उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना कारी मुस्तफा ने कहा कि सपा बसपा का गठबंधन ही भाजपा को रोकेगा और उसे दफन करेगा। भाजपा को इससे नुकसान ही नहीं होगा बल्कि उसका सिरे से सफाया भी हो जाएगा। फिरकापरस्त ताकतों को रोकने के लिए इस गठबंधन की बेहद जरुरत थी। उन्होंने कहा कि गठबंधन से अच्छे लोगों के राजनीति में आने और फिर से अच्छी सरकारें बनने की उम्मीद जगी है।

साभार- ‘अमर उजाला’