सरकार ने राफेल सौदे में गड़बड़ियों के आरोप फिर खारिज किए, कहा- CAG की रिपोर्ट का इंतजार करें

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राफेल सौदे के फिर से तूल पकड़ने के बीच, रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि उसने कैग को अनुबंध से संबंधित सभी फाइलें देखने की अनुमति दे दी है और बेहतर होगा कि इस मुद्दे पर कैग की रिपोर्ट का इंतजार किया जाए. मंत्रालय ने उस खबर को ‘‘तथ्यात्मक रूप से गलत’’ बताया है जिसमें दावा किया गया था कि तय प्रक्रियाओं को नजरअंदाज करके 126 (जिनकी पिछली संप्रग सरकार ने बात की थी) की जगह 36 राफेल विमान खरीदने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसले के कारण हर विमान के दाम में 41 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई.

रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘खबर तथ्यात्मक रूप से गलत है. यह कोई नई बात नहीं बताती है. सरकार ने विभिन्न मंचों पर सभी मुद्दों का विस्तार से जवाब दिया है जिसमें सबसे हालिया संसद में चर्चा में रक्षामंत्री का जवाब है.’’ अधिकारी ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने ‘‘दाम और वाणिज्यिक लाभ’’ की जानकारियों पर गौर किया है लेकिन उसे सौदे में कुछ भी प्रतिकूल नहीं मिला और उसने इसकी जांच का आदेश देने से इंकार किया. प्रवक्ता ने कहा, ‘‘नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) को राफेल सौदे से संबंधित सभी फाइलें देखने की इजाजत दे दी गई है. कैग जैसी अधिकृत एजेंसी की रिपोर्ट का इंतजार करना बेहतर होगा.’’

मंत्रालय ने अपनी पूर्व स्थिति पर अडिग रहते हुए कहा कि सौदे के दाम संबंधी जानकारी का खुलासा नहीं किया जा सकता क्योंकि अनुबंध 2008 के भारत फ्रांस समझौते के तहत आता है. ‘हिन्दू’ अखबार में छपी खबर में कहा गया कि 126 विमानों की जगह 36 विमानों में भारत की जरूरत के अनुसार 13 अतिरिक्त बिन्दुओं के ‘डिजायन और विकास’ के लिए 1.3 अरब यूरो के खर्च ने विमान के दाम में बहुत बढोतरी कर दी. इस मामले को लेकर शुक्रवार को कांग्रेस ने भी केंद्र सरकार पर हमला किया. कांग्रेस की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने राफेल फाइटर जेट के सौदे में गड़बड़ी के आरोप लगाए. कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने मीडिया की एक रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि 2015 में दिए गए 36 जेट लड़ाकू विमान के ऑर्डर में प्रति विमान 41 फीसदी अधिक कीमत पर सौदे किए गए.