सवर्णों को आरक्षण: विरोध में दी गई सुप्रीम कोर्ट में याचिका!

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सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को 10 फीसदी आरक्षण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। सुप्रीम कोर्ट में 124वें संविधान संसोधन को चुनौती दी गई है। यह याचिका यूथ फॉर इक्वॉलिटी और वकील कौशलकांत मिश्रा की ओर से दाखिल की गई है। इनके मुताबिक आरक्षण का आधार आर्थिक नहीं हो सकता।

याचिका के मुताबिक विधयेक संविधान के आरक्षण देने के मूल सिद्धांत के खिलाफ है, यह सामान्य वर्ग को 10% आरक्षण देने के साथ-साथ 50% के सीमा का भी उल्लंघन करता है। गौरतलब है कि यह विधेयक सरकारी नौकरी और शिक्षण संस्थानों में सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देता है।

गैर सरकारी संगठन यूथ फॉर इक्वेलिटी और कौशल कांत मिश्रा ने याचिका में इस विधेयक को निरस्त करने का अनुरोध करते हुये कहा है कि एकमात्र आर्थिक आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता।

याचिका में कहा गया है कि इस विधेयक से संविधान के बुनियादी ढांचे का उल्लंघन होता है क्योंकि सिर्फ सामान्य वर्ग तक ही आर्थिक आधार पर आरक्षण सीमित नहीं किया जा सकता है और 50 फीसदी आरक्षण की सीमा लांघी नहीं जा सकती।

आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लिये आरक्षण का यह प्रावधान अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गो को मिलने वाले 50 फीसदी आरक्षण से अलग है। सरकार ने पहले ही दावा किया था कि संविधान संशोधन होने के बाद यह विधेयक न्यायिक समीक्षा की अग्निपरीक्षा में भी खरा उतरेगा।

साभार- ‘अमर उजाला’