हापुड़ लिंचिंग- सुप्रीम कोर्ट पंहुचा मामला, बाहर की SIT से जांच कराने की मांग

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नई दिल्ली: 

हापुड़ लिंचिंग मामले में में मृतक कासिम का बेटा भी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. मृतक के बेटे ने कोर्ट में याचिका लगाकर मांग की है कि मामले की जांच उत्तर प्रदेश से बाहर की एसआईटी करे. याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी करके इस याचिका पर जवाब मांगा है. इसके साथ ही कोर्ट ने इस मामले को समयुद्दीन की याचिका के साथ जोड़ दिया. बता दें. सितंबर 2018 में हापुड़ लिंचिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने विशेष आदेश जारी किया था. कोर्ट ने अपने आदेश में इस मामले की जांच मेरठ रेंज के IG की निगरानी में कराने को कहा था. कोर्ट ने IG को कहा था कि वह लिंचिंग को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तहत कार्रवाई करेंगे.

गौरतलब है कि कोर्ट द्वारा जारी गाइडलाइन में कहा गया है कि जो पुलिस अफसर कार्रवाई नहीं करते उन पर एक्शन लिया जाए. वहीं इस मामले में आईजी मेरठ जोन ने अपनी रिपोर्ट सील बंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को सौंपी थी. इस मामले में पीड़ित समयद्दीन की ओर से पेश हुई वकील वृंदा ग्रोवर ने कोर्ट को बताया था कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद मजिस्ट्रेट ने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत 31 अगस्त को समयद्दीन का बयान दर्ज किया है.

 

 

वहीं यूपी पुलिस ने कोर्ट को बताया था कि अभी तक इस मामले में 11 आरोपियों में से दस की गिरफ्तारी हो चुकी है. जबकि एक आरोपी जो अभी भी फरार है उसे भगोड़ा घोषित करने की कार्रवाई चल रही है. इस मामले में याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया था कि हम मामले की जांच उत्तर-प्रदेश से बाहर चाहते हैं. साथ ही इस मामले की जांच एसआईटी को दी जाए. हालांकि इस मामले में उत्तर-प्रदेश सरकार ने कहा था कि वह 60 दिनों के भीतर अपनी जांच पूरी कर लेंगे.

 

NDTV इंडिया के स्टिंग ऑपरेशन के आधार पर हापुड़ में लिंचिंग के पीड़ित और अहम गवाह की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की थी. पीड़ित समयुद्दीन ने याचिका दायर कर आरोपियों की ज़मानत रद्द करने की मांग की गई थी. याचिका में कहा गया है कि मजिस्ट्रेट के सामने गवाह का बयान दर्ज हो और आरोपियों की शिनाख़्त परेड कराई जाए