हिन्दू महिला से निकाह पर दारुल उलूम देवबंद की नसीहत!

   

तलाकशुदा महिला का गैर मुस्लिम से शादी करने और फिर से पहले शौहर से निकाह करने के बारे में मुफ्तियों का साफ कहना है कि गैर मुस्लिम से निकाह नहीं हो सकता।

यदि पहले पति ने तीन तलाक दिया है तो महिला को दूसरे मर्द से निकाह (हलाला) करना होगा। अगर एक या दो तलाक दिया है तो कुछ समय गुजारने के बाद वह पहले शौहर से निकाह कर सकती है।

मंगलवार को मुंबई निवासी मनव्वर अंसारी देवबंद पहुंचा जहां उसने कई मुफ्तियों से मुलाकात की। इस दौरान उसने मुफ्तियों को बताया कि एक तलाकशुदा मुस्लिम महिला ने हिंदू लड़के से शादी की थी।

करीब एक साल बाद वह उससे अलग हो गई। महिला का कहना है कि उसने धर्म परिवर्तन नहीं किया था। अब वो दोबारा पहले पति से निकाह करना चाहती है। क्या वो ऐसा कर सकती है?।
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इस मामले में मुफ्तियों ने उसे लिखित में सवाल पूछने की सलाह दी है। हालांकि इस मामले में फतवा ऑनलाइन के चेयरमैन मौलाना मुफ्ती अरशद फारुकी का कहना है कि मुस्लिम महिला ने हिंदू युवक से जो शादी की है वो शादी हुई ही नहीं है। बल्कि जितने दिन वो उसके साथ रही उससे वो बड़े गुनाह में शामिल हुई है।

उन्होंने कहा कि गैर मुस्लिम से निकाह नहीं हो सकता अगर वो इमान पर कायम है तो इसके लिए अल्लाह से तौबा करे। जहां तक पहले शौहर से निकाह करने का मसला है तो अगर पहले शौहर ने उसे तीन तलाक दिया है तो उसे दूसरे मर्द से निकाह (हलाला) करना होगा, लेकिन इसमें किसी भी तरह की मंसूबेबंदी यानि छोड़ने आदि की कोई शर्त नहीं होगी।

ऐसा होगा तो यह लानत वाला अमल होगा, लेकिन एक या दो तलाक दिया है तो कुछ महीने गुजारने के बाद वह पहले शौहर से निकाह कर सकती है।

साभार- ‘अमर उजाला’