हौज काजी हिंसा: नहीं होगा एसआईटी का गठन, अदालत ने खारिज की याचिका !

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हाईकोर्ट ने चांदनी चौक के नजदीक लाल कुआं स्थित मंदिर में तोड़फोड़ और हिंसा की विशेष जांच दल (एसआईटी) जांच की मांग वाली याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी। हाईकोर्ट ने कहा कि पुलिस अपना काम कर रही है और कुछ भी रातों रात नहीं होता। याचिका में मामले में आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई व हालात पर काबू पाने में नाकाम पुलिसकर्मियों पर उचित विभागीय कार्रवाई की मांग भी की गई थी।

मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल व न्यायमूर्ति सी. हरि शंकर की खंडपीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा याचीका दायरकर्ता चाहता है कि इस घटना के पीछे रहे लोगों को रातों रात गिरफ्तार कर लिया जाता। पुलिस ने इस मामले में तीन एफआईआर दर्ज की है और मामले की जांच की जा रही है।

खंडपीठ ने केंद्र व दिल्ली पुलिस की ओर से पेश उस जवाब पर भी गौर किया जिसमें कहा गया कि इस घटना में शामिल रहे लोगों की पहचान कर उन पर कार्रवाई की जा रही है। दिल्ली पुलिस की ओर से स्थायी अधिवक्ता अनुपम श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया कि सीसीटीवी फुटेज से पहचान कर सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है और छह नाबालिगों को सुधार गृह भेजा गया है। इस मामले में आगे और कई गिरफ्तारियां होने की संभावना है क्योंकि सीसीटीवी फुटेज की जांच अभी चल रही है।

खंडपीठ ने अधिवक्ता अलख आलोक श्रीवास्तव की याचिका खारिज करते हुए कहा कि यह याचिका बेहद जल्दबाजी में दायर की गई है क्योंकि रातोंरात कुछ नहीं होता। इस मामले में केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार व दिल्ली पुलिस गंभीर है और कानून अपना काम कर रहा है। इसलिए केस की जांच के लिए एसआईटी बनाने की जरूरत नहीं है। इसके अलावा जांच की निगरानी करने की भी जरूरत नहीं है।

याचिका पर संक्षिप्त सुनवाई के दौरान श्रीवास्तव ने कहा कि जिस तरह ईसाई धर्म स्थलों की सुरक्षा सरकार ने की थी उसी तरह हिंदू धर्म स्थलों की भी सुरक्षा की जानी चाहिए।

उधर दूसरी ओर दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमुल्य पट्नायक और कुछ अन्य आला अधिकारी शुक्रवार को हौज काजी इलाके का दौरा करने पहुंचे। उन्होंने क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की सलाह दी।