डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर बड़ी राहत के संकेत केंद्र सरकार की ओर से मिल रहे हैं। केंद्र सरकार जल्द ही विभिन्न राज्य सरकारों से विचार करने के बाद डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए सख्त कानून ला सकती है, जिसके तहत डॉक्टर से मारपीट या हमला करने की घटना संगीन अपराध की श्रेणी में आ सकता है। साथ ही दोषियों को कम से कम 10 वर्ष तक की सजा का प्रावधान भी हो सकता है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अनुसार देशभर में करीब 75 प्रतिशत डॉक्टर ऐसे हैं जिन्होंने अपने साथ हिंसा होने की शिकायत की है। डॉक्टरों की शिकायतें बढऩे के बाद सरकार ने 2015 में एक अंतर मंत्रीय कमिटी बनाई थी। ये कमिटी इस तरह के मामलों की जांच-पड़ताल करने के लिए बनाई गई थी। इस पैनल ने हाल ही में स्वास्थ्य मंत्रालय को इन मामलों को सुलझाने के लिए अपने सुझाव दिए। पैनल का सुझाव दिय है कि इस तरह के मामलों से निपटने के लिए मंत्रालय को एक केंद्रीय कानून शुरू करना चाहिए।
समिति ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि इस तरह के कानून की आवश्यकता थी, और विधेयक का मसौदा तैयार करने के लिए आठ सदस्यीय उपसमिति का गठन किया गया था।
आठ सदस्यीय मसौदा उपसमिति सदस्यों में से एक ने कहा, “ड्राफ्ट बिल का सबसे महत्वपूर्ण पहलू ग्रेडेशन सिस्टम है जो हमले के प्रकार को देखता है और तदनुसार सजा का वर्णन करता है। एक साधारण चोट के लिए, न्यूनतम सजा छह महीने कारावास और / या 50,000 रुपये जुर्माना और अधिकतम पांच साल कारावास और / या 5 लाख जुर्माना होगा।”