तबरेज मॉब लिंचिंग के गवाह का बयान, भीड़ चिल्ला रही थी ‘इतना मारो कि मर जाए’

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रांची. तबरेज अंसारी मॉब लिंचिंग (Tabrez Ansari Mob Lynching) मामले में झारखंड पुलिस (Jharkhand Police) ने हाल ही में आरोपियों पर से हत्या की धाराओं को बदल कर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज (Murder Case) कर चार्जशीट दाखिल (Chargesheet File) किया है. पुलिस का तर्क है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के हिसाब से हत्या का मामला नहीं बनता क्योंकि तबरेज की मौत हार्ट अटैक के चलते हुई है, न कि सिर में लगी चोट के कारण. दूसरी तरफ पुलिस की ही चार्जशीट कुछ और बयां कर रही है. केस डायरी और गवाहों के बयान पुलिस की ही बातों को कठघरे में खड़ा करती है. तबरेज अंसारी के रिश्तेदार मोहम्मद मसरूर आलम के बयान के अनुसार जैसे ही उसे मामले की जानकारी मिली वो घटनास्थल पर पहुंचा. वहां भीड़ में शामिल एक शख्स चिल्ला रहा था- इतना मारो कि मर जाए. लोग लगातार कह रहे थे इसे छोड़ना मत, मारो इसे.

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने इस मामले में अब तक 24 लोगों के बयान दर्ज किए हैं. यह सभी बयान चार्जशीट में शामिल हैं, साथ ही डॉक्टरों की एक प्रारंभिक रिपोर्ट भी है जिसमें बताया है कि विसरा जांच के अनुसार तबरेज की मौत जहर से नहीं हुई है, बल्कि मौत का कारण सिर में लगी चोट है.

रिपोर्ट आने से पहले बदल दी थी धारा
पुलिस केस डायरी से एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया. पुलिस ने हत्या की धारा को हटा दिया जबकि फॉरेंसिक लैब से विसरा की रिपोर्ट तब तक आई नहीं थी. यदि सही तरह से देखा जाए तो पुलिस ने फॉरेंसिक रिपोर्ट आने का इंतजार नहीं किया. वहीं केस डायरी में पुलिस ने एक नोट पहले से दे रखा था कि विसरा रिपोर्ट आने के बाद आईपीसी की धाराओं में बदलाव हो सकता है.

पत्नी ने कहा था- पुलिस ने दबाव में बदली धारा
वहीं पुलिस के धाराओं के बदलाव करने पर तबरेज की पत्नी एस परवीन ने कहा था कि पुलिस ने प्रशासन के दबाव में आकर मामले की धाराओं में बदलाव किया है. परवीन ने कहा था कि पुलिस अब आरोपियों को बचाना चाह रही है. मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए. इस मामले में सरायकेला के पुलिस अधीक्षक (एसपी) एस कार्तिक ने कहा था कि पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट के अनुसार यह मामला हत्या का नहीं बनता है. इसके चलते गैर इरातदतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है.