इरफान पठान का ट्वीट – सोसाइटी में मुसलमानों को घर न देना भी नस्लवाद

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इन दिनों क्रिकेट की दुनिया में नस्लवाद शब्द सुर्खियों में है. दरअसल, वेस्टइंडीज के पूर्व कप्तान डैरेन सैमी ने अपनी इंस्टा स्टोरी में एक पोस्ट शेयर किया था और उसमें लिखा था कि जब वह सनराइजर्स की टीम से खेलते थे, तो उनके टीम के साथी खिलाड़ी उन्हें  ‘कालू’ कहते थे. उनकी इस बात का समर्थन भारत के पूर्व ऑलराउंडर इरफान पठान ने भी किया था.

इरफान पठान ने सैमी की बात का किया था समर्थन

इरफान पठान ने इस बारे में बात करते हुए कहा था, “मैं 2014 में वहां सैमी के साथ था. मुझे लगता है कि वास्तव में ऐसा हुआ होगा. इस मुद्दे पर चर्चा भी की गई होगी, इसलिए मुझे ऐसी बातों की जानकारी नहीं है, क्योंकि बड़े पैमाने पर चर्चा नहीं की गई होगी, लेकिन साथ ही, हमें अपने लोगों को शिक्षित करने की आवश्यकता है, क्योंकि मैंने घरेलू क्रिकेट में ऐसी टिप्पणियां करते हुए देखा है.”

इसी बीच भारत के पूर्व ऑलराउंडर खिलाड़ी इरफान पठान ने एक ट्वीट किया है, जिसमे उन्होंने कहा है कि नस्लवाद सिर्फ त्वचा के रंग तक सीमित नहीं है. उनका मानना है कि घर खरीदने की अनुमति भी इसलिए नहीं मिलती है, क्योंकि तुम किसी अन्य धर्म पर विश्वास करते हो.

इरफान पठान जब शुरूआत में आये थे, तो वह अपनी शानदार स्विंग गेंदबाजी के लिए पहचाने जाते थे. हालांकि, बीते समय के साथ इरफान पठान की स्विंग और गति दोनों खो गई और वह खराब प्रदर्शन के चलते भारतीय टीम से ड्राप हो गए थे. उनकी हालात इतनी खराब हो गई थी कि उन्हें आईपीएल फ्रेंचाइजीयां भी नहीं खरीद रही थी.

भारतीय टीम के पूर्व ऑलराउंडर इरफान पठान ने अपने अधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट करते हुए लिखा, “नस्लवाद त्वचा के रंग तक ही सीमित नहीं है. समाज में घर खरीदने की अनुमति सिर्फ इसलिए नहीं दी जाती है, क्योंकि तुम एक अलग धर्म पर विश्वास करते हो, ये भी एक नस्लवाद का हिस्सा है.”