इस मुस्लिम देश से बेहतर संबंध पर बल दे रहा है भारत!

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भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 16वें भारत-आसियान शिखर सम्मेलन के बाद मेज़बान थाईलैंड के प्रधानमंत्री प्रयुत चान ओचा तथा इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो के साथ अलग-अलग द्विपक्षीय मुलाकातें कीं तथा संपर्क तथा व्यापार एवं निवेश बढ़ाने के बारे में चर्चा की।

कई क्षेत्रों में सहयोग का भरोसा
पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने इन मुलाकातों के बाद बताया कि भारतीय और थाई प्रधानमंत्री ने संपर्क, व्यापार एवं निवेश, रक्षा एवं सुरक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने के बारे में विचार-विमर्श किया जबकि विडोडो के साथ प्रधानमंत्री की बातचीत का केन्द्रीय बिन्दु संपर्क, व्यापार एवं निवेश तथा हिन्द-प्रशांत क्षेत्र रहा है।

भारतीय विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि थाई प्रधानमंत्री के साथ बैठक में दोनों नेताओं ने माना कि भारत और थाईलैंड के बीच निरंतर उच्च स्तरीय बैठकों एवं चीज़ों के आदान-प्रदान ने संबंधों को गति प्रदान की है।

रक्षा एवं सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के इरादे के साथ दोनों पक्षों ने रक्षा उद्योगों में सहयोग बढ़ाने का निर्णय लिया है। द्विपक्षीय कारोबार में गत वर्ष 20 प्रतिशत की वृद्धि पर संतोष व्यक्त करते हुए उन्होंने अपने-अपने वाणिज्य विभाग के अधिकारियों को निवेश एवं व्यापार में वृद्धि के उपायों पर चर्चा करने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं ने भारत एवं इंडोनेशिया को निकटवर्ती समुद्री पड़ोसी देश बताते हुए समुद्री सहयोग के साझा दृष्टिकोण के आधार पर हिन्द प्रशांत क्षेत्र में शांति, सुरक्षा एवं समृद्धि के लिए मिल कर काम करने का संकल्प लिया। दोनों नेताओं ने उग्रवाद एवं आतंकवाद के खतरे पर भी चर्चाकी और इस बारे में मिलकर काम करने पर सहमति व्यक्त की।

प्रवक्ता के अनुसार मोदी ने इंडोनेशिया के साथ द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने खासतौर पर भारतीय कृषि, फामार्स्युटिकल और ऑटोमोटिव उत्पादों की स्थानीय बाज़ार में अधिक पहुंच की जरूरत को रेखांकित किया।

प्रधानमंत्री ने इंडोनेशिया में भारतीय कंपनियों के निवेश का हवाला देते हुए इंडोनेशियाई कंपनियों द्वारा भारत में निवेश की जरूरत पर बल दिया। मोदी ने विडोडो को अगले वर्ष किसी समय भारत की यात्रा करने का न्योता दिया जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया।