उर्दू कवि गुलज़ार देहलवी ने 93 वर्ष की उम्र में कोरोना को हराया

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ग्रेटर नोएडा के शारदा अस्पताल में भर्ती कराए गए साहित्यकार पद्मश्री एएम जुत्शी गुलजार देहलवी ने 93 वर्ष की उम्र में कोरोना को हरा दिया। रिपोर्ट निगेटिव आने पर उन्हें रविवार को डिस्चार्ज कर दिया गया। अस्पताल से जाते समय भावुक होते हुए मेडिकल स्टाफ से कहा कि आप लोगों ने नई जिंदगी दी है। पूरी तरह ठीक होने पर सभी को अपने घर खाने पर बुलाएंगे।

एएम जुत्शी को सांस की बीमारी के चलते नोएडा के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। एक जून को कोरोना की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर शारदा अस्पताल रेफर कर दिया। उस समय हालत काफी खराब थी। सांस नहीं ले पा रहे थे। उनको आइसीयू में भर्ती किया गया। डॉ. अभिषेक देशवाल की अगुवाई में विशेष टीम गठित की गई। एक डॉक्टर हमेशा मौजूद रहता था। इस दौरान पाइप के जरिए तरल खाद्य पदार्थ दिया जा रहा था। स्थिति सामान्य होने पर तीन दिन आइसोलेशन के सामान्य वार्ड में शिफ्ट किया। अस्पताल के प्रवक्ता डॉ. अजीत कुमार ने बताया कि जुत्शी की शनिवार रात रिपोर्ट निगेटिव आई थी। रविवार को उन्हें डिस्चार्ज किया गया।

डॉक्टरों से बोले, नई जिंदगी दी
डिस्चार्ज होते समय उन्होंने स्टाफ का शुक्रिया अदा किया। कहा कि पूरी तरह स्वस्थ होने पर सभी को अपने घर खाने पर बुलाएंगे। आप लोगों ने नई जिंदगी दी है। डिस्चार्ज करते समय जब वह बोल रहे थे तो डॉक्टरों को उसको समझाने में परेशानी हो रही थी।

कई पुरस्कार से सम्मानित
7 जुलाई 1926 को जन्मे पद्मश्री आनंद मोहन जुत्शी गुलजार देहलवी पहले  दिल्ली में रहते थे। वह नोएडा सेक्टर-26 में रहते हैं। उर्दू शायरी और साहित्य में उनके योगदानों को देखते हुए उन्हें ‘पद्मश्री’ पुरस्कार से नवाजा गया। 2009 में उन्हें ‘मीर तकी मीर’ पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।