ज़ाहिद अली ख़ां एडीटर रोज़नामा सियासत ने पुराने शहर के इलाक़ा किशनबाग़ में पेश आए वाक़ियात पर अफ़सोस का इज़हार करते हुए कहा कि तक़रीबन 10 साल पहले भी इसी तरह की सूरते हाल इस इलाके में पैदा हुई थी, और दो अक़लियती तबक़ात आपस में मुतसादिम होचुके थे।
उन्होंने कहा कि पैदा शूदा सूरते हाल से मज़हबी मुनाफ़िरत फैलाने वालों को मवाक़े हासिल होरहे हैं। ज़ाहिद अली ख़ां ने बताया कि जिस तरह की कार्रवाई आज पुलिस की तरफ से की गई वो निहायत ही काबिले मज़म्मत है।
उन्होंने मुतवफ़्फ़ी अफ़राद के लवाहिक़ीन से इज़हार ताज़ियत करते हुए कहा कि जिस सूरते हाल का मुक़ाबला किशन बाग़ के इलाके में मुसलमानों ने किया है, इस का कोई अंदाज़ा नहीं लगाया जा सकता, चूँकि ना सिर्फ़ मकानात को ख़ाकसतर किया गया बल्कि मआशी तौर पर भी नुक़्सान पहूँचाने की कोशिश की गई है।
उन्होंने इस तरह की कोशिशों की शदीद मज़म्मत करते हुए कहा कि पुलिस की तरफ से की गई यकतरफ़ा कार्रवाई से एसा महसूस होता हैके इस मंसूबा बंद फ़साद की साज़िश का पता चलाने में ना सिर्फ़ पुलिस नाकाम रही है बल्कि फ़सादीयों की तरफ से की जाने वाली कार्यवाईयों पर भी ख़ामोश तमाशाई बनी रही।
एडीटर सियासत ने कहा कि रियासत में सदर राज नाफ़िज़ है एसी सूरत में गवर्नर आंध्र प्रदेश की ज़िम्मेदारी हैके वो अमन-ओ-अमान की बरक़रारी के साथ साथ इन्साफ़ रसानी के अमल को यक़ीनी बनाते हुए ख़ाती ओहदेदारों और फ़साद मचाने के ज़िम्मेदार अफ़राद के ख़िलाफ़ सख़्त गीर कार्रवाई के ज़रीया सदर राज के तक़ाज़ों को पूरा करें। तरफ ज़ाहिद अली ख़ां ने अवाम से अपील की कि वो अमन अमान बरक़रार रखें, अफ़्वाहों पर तवज्जा ना दें।
किशनबाग़ के इलाके में हुए वाक़ियात का इआदा ना होसके और अवाम से अपील की के
इस के लिए अवाम से इस बात की अपील की हैके वो अफ़्वाहों पर तवज्जा ना दें बल्कि अमन-ओ-अमान की बरक़रारी के साथ साथ सब्र-ओ-तहम्मुल का मुज़ाहरा करते हुए शहर की गंगा जमुनी तहज़ीब को बरक़रार रखने में मुआवनत करें।
जनाब ज़ाहिद अली ख़ां ने मर्कज़ी हुकूमत बिलख़सूस वज़ारत-ए-दाख़िला और वज़ारत-ए-दिफ़ा के आला ओहदेदारों से इस बात का मुतालिबा किया कि वो हैदराबाद में पुलिस फायरिंग के वाक़िये में शामिल बॉर्डर स्कियोरटी फ़ोर्स जवान की तरफ से की गई फायरिंग की आला सतही तहक़ीक़ात को यक़ीनी बनाते हुए ख़ाती ओहदेदार के ख़िलाफ़ सख़्त गीर कार्रवाई करें।