तिरुवनंतपुरम, 27 मार्च । मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन के नेतृत्व में पांच साल के एलडीएफ शासन (2016-2021) में केरल की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो चुकी है और राज्य सरकार रिकवरी प्रक्रिया शुरू करने की सोच रही है। यह बात राज्य कांग्रेस के अध्यक्ष मुल्लापल्ली रामचंद्रन ने कही।
रामचंद्रन ने केरल की खराब आर्थिक स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि प्रत्येक केरलवासी का प्रतिव्यक्ति ऋण जहां 2016 में 46,075 रुपये था, वहीं अब यह बढ़कर 1,05,000 रुपये तक पहुंच चुका है।
रामचंद्रन ने बताया कि 2016 में जब विजयन ने पदभार संभाला था, तब कुल सार्वजनिक ऋण 1.50 लाख करोड़ रुपये था, जो उनके कार्यकाल के पांच वर्षों के दौरान 3.20 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
प्रदेश कांग्रेस प्रमुख ने कहा, राज्य के वित्त को मरम्मत से परे पंचर कर दिया गया है और विजयन इसे बड़ी बारीकी से एक संरक्षित रहस्य बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं। नतीजतन, इस मामले पर कोई चर्चा नहीं हुई है। जब उनकी सरकार ने 2016 में पदभार संभाला था, एलडीएफ ने कहा था कि निवर्तमान कांग्रेस नीत सरकार ने केरल को कर्ज के जाल में फंसा दिया है। लेकिन कुल सार्वजनिक ऋण 1.50 लाख करोड़ रुपये था (1957 से, जब केरल का गठन हुआ था)।
उन्होंने कहा, अगर मार्च में लिया गया 8,000 करोड़ रुपये का ऋण जोड़ा जाए तो विजयन के नेतृत्व में एलडीएफ शासन के पांच वर्षों के दौरान कुल सार्वजनिक ऋण 3.28 लाख करोड़ पहुंच चुका है। केरल का वित्तीय क्षेत्र बेहद कमजोर है और राज्य को एक ऐसे प्वाइंट पर ले जाया गया है, जहां से रिकवरी की कार्यवाही जल्द शुरू हो सकती है।
कांग्रेस नेता ने सत्तारूढ़ सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह भी नहीं भूलना चाहिए कि मार्च में दी जाने वाली मासिक सामाजिक कल्याण पेंशन का अब तक भुगतान नहीं किया गया है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है, ताकि राज्य में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अप्रैल के लिए पेंशन के साथ ही इस राशि का भुगतान किया जा सके।
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