बीजिंग, 28 मई । कुछ अमेरिकी मीडिया और राजनीतिज्ञ कोविड-19 महामारी का राजनीतिकरण और मिथ्या दोषारोपण करने की कोशिश कर रहे हैं, और कुछ भारतीय मीडिया ने इसे ज्यादा बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया। इस बारे में भारत स्थित चीनी दूतावास के प्रवक्ता वांग श्याओच्येन ने सोशल मीडिया ट्विटर पर लगातार कई पोस्ट करते हुए वस्तुनिष्ठ तथ्यों और वैज्ञानिक प्रमाणों के आधार पर खंडन किया। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि राजनीतिक हेरफेर महामारी से लड़ने के लिए मददगार नहीं है।
काउंसलर वांग श्याओच्येन ने कहा, अज्ञात वायरस से लड़ने की प्रक्रिया में, चीन वैज्ञानिक मुकाबले का पालन करता है, सार्वजनिक और पारदर्शी रूप से जानकारी जारी करता है, हर व्यक्ति के मूल्य और सम्मान का सम्मान करता है, मानव स्वास्थ्य समुदाय के सहनिर्माण की अवधारणा, कठिनाइयों को दूर करने के लिए एकता व सहयोग पर कायम रहता है।
उन्होंने बताया कि चीनी विज्ञान अकादमी के वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी ने मार्च में एक बयान जारी कर कहा था कि 30 दिसंबर, 2019 से पहले वह कोरोनावायरस के संपर्क में नहीं आया था और उसके सभी कर्मचारी और स्नातकोत्तर छात्र अभी तक शून्य संक्रमण पर कायम रहे।
वांग श्याओच्येन ने कहा, कुछ अमेरिकी मीडिया और राजनीतिज्ञों ने दोष मढ़ने की पूर्वधारणा के आधार पर वायरस को लेबल किया। वे वायरस के स्रोत की जांच का राजनीतिकरण और चीन को कलंकित करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने झूठी जानकारी फैलाने की अपनी क्षमता को अधिक करके आंका है और दूसरों की सही और गलत के अंतर को पहचानने की शक्ति को कम करके आंका है।
उन्होंने कहा कि कुछ भारतीय मीडिया और राजनीतिज्ञ भी पश्चिम का अनुसरण करते हुए बातों को बढ़ा-चढ़ाने के लिए बहुत उत्सुक हैं। उनका लक्ष्य लोगों का ध्यान भटकाकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ना है। इस तरह का व्यवहार निराधार, गैर-जिम्मेदार और विज्ञान की अवहेलना है, जो लोगों की इच्छा का उल्लंघन है।
(साभार-चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
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