गूगल, फेसबुक, वॉट्सऐप जैसी कंपनियां भी फेक न्यूज़ के प्रसार के लिए होंगी जिम्मेदार, कानून ला रही है सरकार

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बच्चा चोरी जैसी अफवाहों और फर्जी खबरों (फेक न्यूज) पर अंकुश लगाने के लिए सरकार नया कानून लाने की तैयारी में है। तमाम एक्सपर्ट्स से बात कर इसे जल्द ही कैबिनेट से पास कराया जाएगा। सरकार का कहना है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ये कानून जरूरी है। सूत्रों के अनुसार, नया कानून बनने के बाद फेसबुक और गूगल जैसी कंपनियां अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकेंगी।

फेक न्यूज पर लगाम के कानून का मसौदा आम चुनाव से पहले आया था लेकिन तब इस पर बात आगे नहीं बढ़ सकी थी। पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर बच्चा चोरी की अफवाहों को लेकर भीड़ द्वारा लोगों को पीटने की लगातार खबरों के बीच सरकार ने इस मुद्दे पर कवायद तेज की है। केंद्र सरकार इस बारे में सुप्रीम कोर्ट को भी जानकारी देगी जहां सरकार बनाम सोशल मीडिया से जुड़ा एक मामला चल रहा है। सोशल मीडिया पर फैले फेक न्यूज और उसके दुष्प्रभाव को देखते हुए सरकार ने मौजूदा आईटी एक्ट की धारा 79 में संशोधन का प्रस्ताव दिया है। पीएमओ ने आईटी मिनिस्ट्री के इस संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अब इसे कैबिनेट के सामने पेश किया जाएगा। इस संशोधन में कहा गया कि गूगल, फेसबुक, वॉट्सऐप जैसी कंपनियां भी फेक न्यूज या अफवाह से जुड़े कंटेंट के प्रसार के लिए जिम्मेदार होंगी। अभी इन सोशल मीडिया कंपनियों को इसके लिए सीधे जिम्मेदार नहीं माना जाता है।
सरकार की सबसे बड़ी चिंता है कि हाल में सोशल मीडिया के लगातार बढ़ते दुरुपयोग के बीच इससे जुड़ी कंपनियां इसे रोकने की दिशा में बिल्कुल गंभीर नहीं हैं। सूत्रों के अनुसार, सरकार की ओर से लगभग एक दर्जन पत्रों का इन कंपनियों की ओर से कोई सकारात्मक जवाब नहीं दिया गया। इसी के बाद पीएमओ ने आईटी मिनिस्ट्री से कानून का मसौदा बनाने को कहा था।