हैती सरकार के तेल की कीमतों में वृद्धि की घोषणा के बाद पूरे देश में हिंसा फैल गई. लोगों ने वाहनों को फूंक दिया. होटलों, दुकानों और शोरूम को लूट लिया और यहां से सामान घर ले गए. देश में हो रहे हिंसक विरोध-प्रदर्शनों के बाद हैती सरकार ने तेल की कीमतें बढ़ाने का फैसला वापस ले लिया है.
बता दें कि विरोध के दौरान प्रदर्शनकारियों ने हिंसक रुप धारण कर लिया और संपत्तियों को जमकर नुकसान पहुंचाया. राजधानी पोर्ट-यू-प्रिंस में कई स्थानों पर चोरी और तोड़फोड़ की घटनाएं हुई. प्रदर्शनकारियों ने राजधानी के सबसे महंगे बेस्ट वेस्टर्न होटल पर भी हमला बोल दिया.
रोड जाम करने के लिए प्रदर्शनकारियों ने सड़कों में जगह-जगह टायर जलाकर जाम लगा दिए
देश की राजधानी में स्थिति इतनी बिगड़ गई थी कि रविवार को अमेरिका ने अपने नागरिकों को नोटिस जारी कर घर के अंदर रहने के निर्देश दिए थे. शहर में हो रही हिंंसा की वजह से कई फ्लाइट्स को कैंसिल करना पड़ा, क्योंकि एयरपोर्ट पर पानी और भोजन की मात्रा सीमित थी.
हिंसा की वजह से हैती में इंटरनेट और फोन सेवा भी सही से काम नहीं कर रहे हैं. हालांकि रविवार को हुए विरोध प्रदर्शन में किसी की जान नहीं गई, जबकि शुक्रवार को प्रदर्शन के दौरान तीन लोगों की मौत हो गई थी.
हैती के प्रधानमंत्री जैक गाय लाफोन्टेंट ने कहा कि आईएमएफ द्वारा तेल पर सब्सिडी कम करने के बाद तेल की कीमतों में वृद्धि आवश्यक हो गई थी. बता दें कि हैती पश्चिम हेम्पसायर का सबसे गरीब देश है. यहां की 80 प्रतिशत जनता एक दिन में दो डॉलर से भी कम पर गुजर बसर करने के लिए मजबूर है.
शुक्रवार को हैती के वाणिज्य मंत्री और वित्त मंत्री ने पेट्रोल की कीमतों में 38 से 51 प्रतिशत की वृद्धि की घोषणा की थी जिसके बाद वहां हिंसा शुरू हो गई. अगर बढ़ी हुई कीमतें लागू हो जाती तो हैती में डीजल 4 डॉलर और पेट्रोल 5 डॉलर प्रति लीटर हो जाता.