बिहार की सभी अनुसूचित जाति और जनजातियों को महादलितों की तर्ज पर ही सुविधाएं मिलेंगी। आंबेडकर जयंती पर नीतीश कुमार ने पासवान को भी महादलित की श्रेणी में लाने की घोषणा की। इससे पहले लोजपा सांसद चिराग पासवान ने नीतीश कुमार से पासवान समाज को महादलित समाज में शामिल करने की मांग की थी जिसे नीतीश ने स्वीकार कर लिया।
आंबेडकर जयंती पर सभी दलों ने अलग-अलग कार्यक्रम किए। जदयू ने हज भवन तो राजद ने एसकेएम हॉल में समारोह का आयोजन किया।
रालोसपा ने विद्यापति भवन तो लोजपा ने बाबू सभागार में आंबेडकर की जयंती पर कार्यक्रम रखा। भाजपा ने पटना के पांच सितारा होटल में चार सौ दलित महिलाओं के साथ समरसता भोज का आयोजन किया। बापू सभागार में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए नीतीश ने कहा कि आरक्षण न तो कभी खत्म होगा और न ही इसे खत्म करने का साहस किसी भी पार्टी में है।
उन्होंने कहा कि मेरे जीते कोई भी माई का लाल आरक्षण को खत्म नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि वोट की नहीं वोटर की चिंता करते हैं। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार और सांप्रदायिकता से न कभी समझौता किया है न करेंगे। उन्होंने तेजस्वी पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग सोशल मीडिया के जरिए अपशब्द और अमर्यादित भाषा का प्रयोग करते हैं।
ऐसे लोग हमारे खिलाफ ऐसे हथकंडे बेशक अपनाएं, लेकिन हम उन्हें जवाब नहीं देंगे।
नीतीश ने कहा कि हम लोग बाबा साहब के विचारों से प्रेरित हैं और उनके विचारों को जन-जन तक फैला रहे हैं। नीतीश के बयान पर पलटवार करते हुए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश कुमार ने मेरे पिता का डायलॉग को चुरा लिया है। उनके केंद्रीय मंत्री ही बोलते हैं कि संविधान बदल देंगे।
इधर, तेजस्वी पर रामविलास ने निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग दलितों के अधिकार की बात करते हैं अगर दलितों के प्रति इतना ही प्रेम है तो जीतनराम मांझी को अपना मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित करें।