ईरान के राष्ट्रपति डाक्टर हसन रूहान ने कहा है कि फ़िलिस्तीन की अत्याचारग्रस्त जनता के हड़प लिये गये अधिकारों को वापस लेने का एकमात्र मार्ग अतिग्रहणकारी इस्राईल के मुकाबले में प्रतिरोध और संघर्ष है।
राष्ट्रपति रूहानी ने मंगलवार की शाम को फिलिस्तीन के जेहादे इस्लामी आंदोलन के महासचिव ज़ियाद अन्नाख़ाला से मुलाकात में गत 70 वर्षों से जायोनी शासन के मुकाबले में फिलिस्तीनी जनता के प्रतिरोध की ओर संकेत किया और कहा है कि समस्त मुसलमानों को चाहिये कि फिलिस्तीनी जनता को उसके अधिकारों को प्राप्त करने, अपनी मातृभूमि में वापस लौटने और कुद्स को हमेशा के लिए फिलिस्तीन की राजधानी बनने में फिलिस्तीनियों का समर्थन करें।
राष्ट्रपति रूहानी ने फिलिस्तीनी गुटों के मध्य एकता के महत्व पर बल देते हुए कहा कि इस बात में कोई संदेह नहीं है कि जायोनी शासन के मुकाबले में विजय तक पहुंचने के लिए समस्त फिलिस्तीनियों के बीच एकता ज़रूरी है और यह शासन फिलिस्तीनी जनावों के प्रतिरोध से यह बात समझ जायेगा कि फिलिस्तीनी राष्ट्र पर विजय प्राप्त नहीं की जा सकती।
ज़ियाद अन्नाखाला ने भी फिलिस्तीन में होने वाले हालिया परिवर्तनों की ओर संकेत किया और कहा कि इस बात में कोई संदेह नहीं है कि इस्लामी गणतंत्र ईरान का समर्थन और उसकी नीति उस बड़े षडयंत्र की विफलता में ध्यानयोग्य भूमिका निभायेगी जिसका लक्ष्य फिलिस्तीनी जनता के अधिकारों को अनदेखा कर देना है।
फिलिस्तीन के जेहादे इस्लामी आंदोलन के महासचिव ने बल देकर कहा कि फिलिस्तीनी जनता समस्त दबावों के बावजूद प्रतिरोध और संघर्ष से पीछे नहीं हटेगी।
साभार- ‘parstoday.com’