इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुलंदशहर में गोकशी के आरोप को लेकर हुए दंगे के छह आरोपियों की गिरफ्तारी पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है। आरोपियों की ओर से गिरफ्तारी पर रोक लगाने और प्राथमिकी रद्द करने की मांग को लेकर याचिका दाखिल की गई थी। रवि साहनी और छह अन्य की याचिका पर न्यायमूर्ति नाहिद आरा मुनीस और न्यायमूर्ति वीके श्रीवास्तव की पीठ ने सुनवाई की।
प्रदेश सरकार के अपर शासकीय अधिवक्ता एके संड ने गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग का विरोध करते हुए कहा कि इस मामले में चमन और देवेंद्र को पुलिस ने चार दिसंबर 2018 को गिरफ्तार कर लिया था। याचीगण रवि साहनी, उपेंद्र, राघव, राजकुमार और अन्य के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी है। पुलिस इनकी तलाश कर रही है। अभियुक्तों के घरों पर कुर्की की कार्रवाई भी की जा रही है। याचिका में तथ्यों को छिपाया गया है। पुलिस के पास आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य हैं।
तीन दिसंबर को बु़लंदशहर में गोकशी के मामले को लेकर भीड़ उत्तेजित हो गई और इसे नियंत्रित करने गए एक पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह तथा नागरिक सुमित की गोली लगने से मौत हो गई थी। इस मामले में पुलिस ने दर्जनों लोगों को आरोपी बनाया है जिनकी धरपकड़ के लिए दबिश दी जा रही है