भोपाल, 30 जुलाई । मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मास्क के इस्तेमाल पर जोर दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मास्क के उपयोग को आवश्यक बताते हुए साफ किया है कि मास्क न लगाने वालों पर कार्रवाई की जाएगी, चाहे वह मुख्यमंत्री, मंत्री या सांसद ही क्यों न हों।
मुाख्यमंत्री चौहान कोरोना पॉजिटिव है और उनका चिरायु अस्पताल में इलाज जारी है। आधिकारिक जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री ने गुरुवार को अस्पताल से ही कोरोना की स्थिति और व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि मास्क एवं सोशल डिस्टेंसिंग का अनिवार्य रूप से उपयोग करके ही हम कोरोना संक्रमण पर पूरा नियंत्रण कर पाएंगे। लाकडाउन खुलने पर यदि इसका पालन नहीं किया जाता है, तो पुन: संक्रमण फैल जाता है तथा सारी मेहनत बेकार जाती है।
उन्होंने आगे कहा दूसरी ओर लॉकडाउन करने से अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित होती है। इसलिए अब हमें वर्तमान घोषित लॉकडाउन के पश्चात लॉकडाउन नहीं करना है तथा पूरी सावधानी एवं सतर्कता के साथ विधि एवं नियमों का पालन करते हुए कोरोना को हराना है।
मुख्यमंत्री चौहान ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि कोई भी व्यक्ति चाहे वह मुख्यमंत्री हो, मंत्री हो, जनप्रतिनिधि हों अथवा अधिकारी हो, यदि उन्होंने इसका पालन नहीं किया तो फिर कार्यवाई होगी। कोरोना को समाप्त करने के लिए सभी को इन सावधानियों को बरतना अनिवार्य है।
उन्होंने मंत्रियों से कहा कि आगामी 14 अगस्त तक कोई सार्वजनिक दौरे नहीं करें, वी सी के माध्यम से बैठकें करें, वर्चुअल रैली करें, अपने आवास पर भी एक बार में पांच व्यक्तियों से अधिक से न मिलें।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि चुनाव से अधिक आवश्यक है लोगों की जान बचाना। अत: कोई भी जनप्रतिनिधि कोई भी सार्वजनिक कार्यक्रम न करे। गाइडलाइंस का पालन न करने पर जुर्माने तथा प्रकरण दर्ज करने, दोनों की कार्रवाई की जाएगी।
राज्य में कोरोना संक्रमण बढ़ने की बात को स्वीकारते हुए मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि यह सही है कि बीते कुछ दिनों में प्रदेश में कोरोना के प्रकरणों में वृद्घि हुई है, परंतु अभी भी तुलनात्मक रूप से देश में कोरोना संक्रमण में प्रदेश का स्थान 15वां है। वर्तमान में प्रदेश में रिकवरी रेट 69़ 9 है तथा मृत्यु दर घटकर 2़ 77 हो गई है।
स्वास्थ्य विभाग के एसीएस मोहम्मद सुलेमान ने बताया कि भोपाल में एंटीजन टेस्ट भी प्रारंभ कर दिए गए हैं। इससे अब बड़ी संख्या में तथा जल्दी कोरोना टेस्ट हो सकेंगे। कलेक्टर भोपाल ने बताया कि भोपाल में कोरोना के इलाज एवं क्वारेंटीन निशुल्क शासकीय व्यवस्था के अलावा अब पेड व्यवस्था भी निजी क्षेत्र में प्रारंभ हो गई है।
Source: IANS
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