नई दिल्ली, 21 मार्च । महाराष्ट्र की महा विकास अघाड़ी सरकार में मंत्री अनिल देशमुख पर अपने पद से इस्तीफा देने का दबाव बढ़ता जा रहा है। मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह द्वारा उन पर लगाए गए आरोपों के बाद महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर पद छोड़ने का दबाव है।
गठबंधन के सूत्रों का कहना है कि आरोप बहुत गंभीर है और केवल इस्तीफा ही उनके लिए एक रास्ता बचा है। हालांकि इस मुद्दे पर अंतिम फैसला शरद पवार ही करेंगे।
एनसीपी ने अपने वरिष्ठ नेताओं को इस मसले पर अंतिम फैसला लेने के लिए बुलाया है। अब तक एनसीपी बचाव मोड में रही है, लेकिन एनसीपी प्रमुख द्वारा इस पर अंतिम निर्णय लेने के बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी।
देशमुख ने आरोपों से इनकार किया है और शनिवार को कहा कि वह मानहानि का मुकदमा करेंगे। भाजपा ने उन्हें हटाने की मांग की है।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में, परमबीर सिंह ने कहा था कि गृह मंत्री ने सचिन वाजे सहित कई अधिकारियों को जबरन वसूली रैकेट चलाने के लिए कहा था और उन्हें हर महीने 100 करोड़ रुपये की उगाही का लक्ष्य दिया था। आरोप है कि उन्हें रेस्तरां, पब, बार और हुक्का पार्लर से पैसे इकट्ठा करने के लिए कहा गया था।
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