देशभर में इस समय मॉब लिचिंग एक गंभीर समस्या और चिंता का विषय है. आए दिन ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जिसमें गुस्साई भीड़ कानून अपने हाथ में लेते हुए किसी लोगों को मौत के घाट उतार देती है. लेकिन अब इसके खिलाफ मनोरंजन जगत के कुछ दिग्गजों ने अपनी आवाड बुलंद की है और इस गंभीर मसले पर अपनी चिंता व्यक्त की है.
अक्सर सामाजिक मसलों पर खुलकर अपनी बेबाक राय रखने वाली एक्ट्रेस स्वरा भास्कर ने अपनी राय रखी है. स्वरा भास्कर ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि सच्चाई से मुंह फेर लेने से वो बदल नहीं जाएगी. उन्होंने कहा, ”मॉब लिंचिंग देश में महामारी की तरह फैल गई है. मुझे नहीं लगता कि हम इस क्रूर सच्चाई से मुंह फेर सकते हैं. इसलिए इसे लेकर किसी भी प्रकार का झूठ बोलना बेकार है.”
उन्होंने आगे कहा, ”मुझे लगता है ये एक बेहद शानदार कदम है. फिल्ममेकर्स, आर्टिस्ट्स और लेखक देश के हालातों पर विचार कर रहे हैं. उन्हें इस बात से फर्क पड़ रहा है कि हमारा देश किस ओर जा रहा है. मैं बीते तीन-चार साल से इस मसले को उठा रही हूं. मैंने तो मानव सुरक्षा कानून लाने की भी मांग की है. लेकिन ये दुखद है कि देश में हालात सुधरने की जगह बिगड़ रहे हैं.”
क्यों है चिट्ठी पर विवाद?
अल्पसंख्यक और दलित समुदायों के खिलाफ बढ़ी मॉब लिंचिंग की घटनाओं के मद्देनज़र देश की कई नामचीन हस्तियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है. इस पत्र को कला, फिल्म, शिक्षा और सामाजिक कार्यकर्ताओं समेत कई क्षेत्रों के 49 लोगों ने मिलकर पीएम मोदी को भेजा है.
पत्र लिखने वालों में फिल्ममेकर मणि रत्नम, अनुराग कश्यप, अपर्णा सेन, श्याम बेनेगल, इतिहासकार रामचंद्र गुहा, अभिनेत्री कोंकणा सेन शर्मा, गायक शुभा मुदगल और इफ्तेखार एहसान जैसे लोग शामिल हैं.
23 जुलाई को लिखी गई इस चिट्ठी में इन सभी लोगों ने देश में बढ़ती मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर चिंता व्यक्त की है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कड़ा कदम उठाने की मांग की है.