राजकीय सम्मान के साथ किया गया पंडित जसराज का अंतिम संस्कार

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शास्त्रीय संगीत के प्रसिद्ध गायक पंडित जसराज का गुरुवार को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार हुआ। विले पार्ले के पवन हंस शमशान घाट पर 21 बंदूकों की सलामी के बाद पंडित जसराज के बेटे सारंग देव पंडित ने अंतिम संस्कार की रस्में निभाईं। कोरोना वायरस महामारी के कारण वहां सिर्फ 25-30 लोगों की मौजूदगी की इजाजत थी।

परिवार के मीडिया संयोजक प्रीतम शर्मा के मुताबिक, पोती श्वेता पंडित, संगीतकार जतिन पंडित, गायक अनूप जलोटा, कैलाश खेर और अन्य लोग अंतिम संस्कार के वक्त मौजूद थे।
पंडित जसराज के तिरंगे में लिपटे पार्थिव शरीर को दर्शन के लिये उनके वर्सोवा स्थित आवास पर रखा गया था। फिल्मकार संजय लीला भंसाली, गायिका श्रेया घोषाल और पंडित रोनू मजूमदार समेत फिल्म उद्योग के कई लोग महान गायक को अंतिम श्रद्धांजलि देने उनके आवास पहुंचे।

सोमवार को हुआ था संगीत मार्तंड जसराज का निधन
शास्त्रीय गायक पंडित जसराज का सोमवार को अमेरिका के न्यू जर्सी में निधन हो गया था। वे 90 साल के थे। उनके परिजनों की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार उन्होंने स्थानीय समय के अनुसार सुबह 5.15 बजे अंतिम सांस ली थी।

तीनों पद्म पुरस्कारों से सम्मानित थे जसराज
पंडित जसराज को भारत सरकार ने पद्मश्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित किया था। वे आठ दशकों तक भारतीय शास्त्रीय संगीत जगत में छाए रहे। वे मेवाती घराना से ताल्लुक रखते थे। केवल 14 साल की उम्र में उन्होंने शास्त्रीय संगीत का प्रशिक्षण लिया था। इसके बाद उन्होंने अपने बड़े भाई पंडित प्रताप नारायण से तबला वादन भी सीखा था।

 

 

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