मक्का मुअज़्ज़मा में वाक़्ये हैदराबादी रबात में क़ियाम के मसले की यकसूई के लिए तेलंगाना हुकूमत ने मसाई के आग़ाज़ का फ़ैसला किया है, इस के अलावा आज़मीने हज्ज के तैयारों की शम्सआबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बजाये बेगमपेट एयरपोर्ट से रवानगी को यक़ीनी बनाने के लिए रियासती हुकूमत के ज़रीये वज़ारत-ए-ख़ारजा को नुमाइंदगी की जाएगी।
बताया जाता हैके स्पेशल सेक्रेटरी अक़लियती बहबूद सय्यद उम्र जलील ने हैदराबादी रुबात के मसले की यकसूई के लिए औक़ाफ़ कमेटी निज़ाम ट्रस्ट और नाज़िर रुबात के नुमाइंदों के साथ मीटिंग तलब करने का फ़ैसला किया है।
उन्होंने साबिक़ में इस मसले की यकसूई की कोशिश की थी ताहम कोई पेशरफ़त ना होसकी। पिछ्ले दो बरसों से तेलंगाना के आज़मीन रुबात में क़ियाम की सहूलत से महरूम हैं। औक़ाफ़ कमेटी और नाज़िर रुबात आज़मीन के इंतिख़ाब के सिलसिले में अपने अपने मौक़िफ़ पर क़ायम हैं। उम्र जलील इस बात की कोशिश करेंगे कि किसी तरह कोई क़ाबिल-ए-क़बूल हल निकाला जाये। रुबात में क़ियाम की सूरत में आज़मीन को भारी रक़म की बचत होती है। डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर महमूद अली और स्पेशल ऑफीसर हज कमेटी प्रोफेसर एसए शकूर के साथ तवक़्क़ो हैके आइन्दा हफ़्ते मीटिंग तलब किया जाएगा। इसी तरह आज़मीने हज्ज के तैयारों की बेगमपेट एयरपोर्ट से रवानगी की इजाज़त हासिल करने के लिए तेलंगाना हुकूमत के ज़रीये मर्कज़ी हुकूमत से नुमाइंदगी की जाएगी।
चार्टर्ड फ़्लाईट के लिए बेगमपेट एयरपोर्ट का इस्तेमाल किया जाता है और आज़मीन-ए-हज्ज की तमाम फ़्लाईटस चार्टर्ड होती हैं। बेगमपेट एयरपोर्ट से रवानगी और वापसी की सूरत में ना सिर्फ़ आज़मीन बल्कि उन के रिश्तेदारों को भी सहूलत होगी। बताया जाता है के साबिक़ में इस सिलसिले में फाईल हुकूमत को रवाना की गई थी जो ज़ेर-ए-इलतिवा है। इसी फाईल की बुनियाद पर दुबारा मर्कज़ी हुकूमत से नुमाइंदगी का फ़ैसला किया गया है।