नई दिल्ली : अमेरिका अब झुंड में हमला करने वाली छोटी, सस्ती और अधिक घातक सबसोनिक क्रूज मिसाइलें बना रहा है। ग्रे वुल्फ नामक इन मिसाइलों को एफ-16 जैसे लड़ाकू और बमवर्षक विमानों से दागा जा सकेगा। अमेरिकी वायुसेना की शोध प्रयोगशाला (एएफआरएल) ने इन मिसाइलों को बनाने का ठेका निजी कंपनी लॉकहीड मार्टिन को दिया है।
इसके अलावा कंपनी को विमानों के लिए हमलावर लेजर प्रणाली भी विकसित करने का ठेका मिला है। अमेरिकी वायुसेना की ओर से लॉकहीड को लड़ाकू विमानों के लिए हमलावर लेजर प्रणाली विकसित करने के लिए 2.63 करोड़ डॉलर का ठेका मिला है। इस प्रणाली के तहत हवा में एक विमान से दूसरे विमान को लेजर के जरिये मार गिराया जाना संभव होगा। वाहनों और समुद्री जहाजों में इसका सफल प्रयोग हो चुका है। इस प्रोजेक्ट का नाम द लेजर एडवांसमेंट्स फॉर द नेक्स्ट जनरेशन कॉम्पैक्ट इनवायरमेंट्स (लांस) है।
वुल्फ मिसाइलों को लॉकहीड मार्टिन बना रही है। उसे 11 करोड़ डॉलर का बजट भी आवंटित हो चुका है। इनका निर्माण चार चरणों में होना है। पांच साल का पहला चरण 2019 तक शुरू होने की उम्मीद है। वहीं पांच साल के दूसरे चरण का ठेका नॉर्थड्रॉप ग्रूमैन कंपनी को दिया गया है।
इन मिसाइलों को एफ-35, एफ-18, एफ15 लड़ाकू विमानों और बी-1, बी-2 व बी-52 जैसे बड़े बमवर्षक विमानों से दागा जा सकेगा। इन मिसाइलों को सबसे पहले परीक्षण के तौर पर लड़ाकू विमान एफ-16 से दागा जाएगा।
मिसाइलों में कंप्यूटर और नेवीगेशन प्रणाली होगी। विमान से छोड़ने पर ये आपस में कंप्यूटर द्वारा संपर्क में रहेंगी। इसके जरिये दुश्मन के ठिकाने पर एक साथ वार करेंगी। इससे सटीक और शक्तिशाली वार करना आसान होगा। इन्हें इस तरह से बनाया जाना है कि ये इंटरसेप्टर मिसाइलों को भी चकमा दे सकें।