भारत ने आज 110 लड़ाकू विमानों के बेड़े की खरीद की प्रक्रिया शुरू की। हालिया वर्षों में यह दुनिया की सबसे बड़ी सैन्य खरीदारी में एक हो सकती है। वायु सेना ने अरबों डॉलर के खरीद सौदे के लिए आरएफआई (सूचना के लिए अनुरोध) या शुरूआती निविदा जारी की है। यह सौदा सरकार के मेक इन इंडिया पहल के साथ होगा।
अधिकारियों ने कहा कि भारत में अत्याधुनिक रक्षा प्रौद्योगिकी लाने के मकसद से हाल में शुरू रणनीतिक भागीदारी मॉडल के तहत भारतीय कंपनी के साथ मिलकर विदेशी विमान निर्माता लड़ाकू विमानों का उत्पादन करेंगे।
सौदे की स्पर्धा में लॉकहीड मार्टिन, बोइंग, साब और द सॉल्ट समेत अन्य सैन्य विमान निर्माता कंपनियों के शामिल होने की उम्मीद है।
वायु सेना पुराने हो चुके कुछ विमानों को बाहर करने के लिए अपने लड़ाकू विमान बेड़े की गिरती क्षमता का हवाला देते हुए विमानों की खरीद प्रक्रिया में तेजी लाने पर जोर दे रही है।
सरकार द्वारा पांच साल पहले वायु सेना के लिए 126 मध्यम बहु भूमिका लड़ाकू विमान (एमएमआरसीए) की खरीद प्रक्रिया को रद्द करने के बाद लड़ाकू विमानों के लिए यह पहला बड़ा सौदा होगा।
इसकी जगह, राजग सरकार ने सितंबर 2016 में 36 राफेल दोहरे इंजन वाले लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए फ्रांस सरकार के साथ 7.87 अरब यूरो (करीब 59000 करोड़ रूपये) के सौदे पर दस्तखत किया था।