अगर अमरीका गलत रास्ता छोड़ दे तो ईरान उसकी माफ़ी स्वीकार कर लेगा- हसन रुहानी

   

इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति ने कहा है कि ईरान में इस्लामी क्रांति की सफलता के बाद और पहले ईरान के खिलाफ अमरीकी साज़िशों की निरंतर विफलता की वजह , अमरीकियों के गलत समीकरण हैं।

राष्ट्रपति रुहानी ने इस्लामी क्रांति की सफलता की चालीसवें वर्षगांठ के अवसर पर तेहरान में अन्य देशो ंके राजदूतों और विदेशी संस्थाओं के प्रमुखों से भेंट में कहा कि अमरीकियों ने सैन्य विद्रोह, थोपे गये युद्ध, क्षेत्र की रूढ़िवादी सरकारों की सहायता और विभिन्न देशों को हथियार भेज कर यह समझ रहे थे कि ईरानी राष्ट्र के खिलाफ जीत हासिल की जा सकती है लेकिन हर अवसर पर , ईरानी राष्ट्र के बारे में उनका समीकरण , गलत सिद्ध हो गया और ईरानी राष्ट्र को हर बार जीत मिली।

पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, राष्ट्रपति रूहानी ने कहा कि अगर अमरीका गलत रास्ता छोड़ दे और अतीत में किये गये हस्तक्षेप पर माफी मांगें तो ईरान अमरीका के प्रायश्चित को स्वीकार कर सकता है।

राष्ट्रपति रूहानी ने कहा कि ईरान ने , इराक़, सीरिया, लेबनान, यमन, अफगानिस्तान और क़तर सहित जिस देश ने भी मदद मांगी, उसकी मदद की है और ईरान ने इतने वर्षों में यह साबित कर दिया है कि वह जब वादा करता है तो उसे पूरा करता है।

राष्ट्रपति रूहानी ने इसी प्रकार फिलिस्तीन के विषय का उल्लेख करते हुए बताया कि जब तक फिलिस्तीनी, अपनी भूमि पर वापस नहीं आते , तब फिलिस्तीन के इतिहासिक क्षेत्र में शांति स्थापित नहीं होगी।

इस अवसर पर, ईरान में फिलिस्तीन के राजदूत, सलाह अज़्ज़वावी ने अन्य अतिथियों का प्रतिनिधित्व करते हुए ईरान में इस्लामी क्रांति की सफलता की चालीसवें वर्षगांठ पर बधाई पेश की।