अगर परमाणु युद्ध हुआ तो… एयर ब्लास्ट-3 से 100 किमी के दायरे तक तबाही मचेगी

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नई दिल्ली : 370 हटाने के बाद से पाकिस्तान पीएम इमरान खान से लेकर वहां के मंत्री तक परमाणु युद्ध की धमकी दे रहे हैं। भारत ने भी इन धमकियों से आजिज आकर कहा है कि वह भी ऐटमी हथियारों को पहले प्रयोग नहीं करने की नीति बदल सकता है। लेकिन क्या सच में दोनों देश परमाणु युद्ध करेंगे? अगर दोनों देश एक-दूसरे पर परमाणु हमला करते हैं तो बड़ी तबाही मचेगी। आग के कारण 0.79 किलोमीटर तक सबकुछ जलाकर खाक हो जाएगा। एयर ब्लास्ट-1 के बाद 3.21 किलोमीटर तक झटके महसूस होंगे। 10.5 किलोमीटर तक रेडिएशन फैलेगा। 50-90% लोग प्रभाव में आएंगे। एयर ब्लास्ट-2 में 14.2 किलोमीटर तक इमारतें ध्वस्त हो जाएंगी। 47.9 किलोमीटर तक थर्मल रेडिएशन का असर होगा। एयर ब्लास्ट-3 के बाद 93.7 किलोमीटर तक खिड़कियों के शीशे टूट सकते हैं। 100 किलोमीटर के दायरे तक तबाही मचेगी।

हकीकत तो यह है कि यह किसी के हित में नहीं है। अगर दोनों देश एक दूसरे पर 100 किलोटन के परमाणु बम गिरा देते हैं तो इसका इतना असर होगा कि 100 किलोमीटर दूर तक खिड़कियों के शीशे चटक जाएंगे। दुनिया ने अभीतक हिरोशिमा और नागासाकी में दो परमाणु हमले देखे हैं और उनकी भयावहता आज भी लोगों को डराती है। खास बात यह है कि उस समय गिराए गए बम कम क्षमता के थे। हिरोशिमा में गिराया गया बम 15 किलोटन की क्षमता वाला था जबकि नागासाकी में गिराया गया बम 20 किलोटन की ताकत वाला था।

आज दुनिया के पास इससे कई गुना ज्यादा क्षमता वाले परमाणु बम हैं। ऐसे में परमाणु युद्ध की कल्पना ही कंपा देती है। भारत और पाकिस्तान दोनों के पास न्यूक्लियर हथियार को ले जाने वाले मिसाइल हैं। खास बात यह है कि दोनों देश एक-दूसरे के आखिरी कोने तक हमले की क्षमता वाले मिसाइल विकसित कर चुके हैं। भारत के पास तो 5000 किलोमीटर तक मार करने वाली मिसाइल है, जो पाकिस्तान के बाहर भी हमला करने की क्षमता रखती है। पाकिस्तान के पास भी न्यूक्लियर हथियार ले जाने वाले मिसाइल है, जो 2,750 किलोमीटर तक लक्ष्य साध सकता है।

बुलेटिन ऑन द एटॉमिक साइंटिस्ट द्वारा बनाए गए डेटा से पता चलता है कि 1986 के बाद से 2017 तक लगभग हर साल वैश्विक परमाणु हथियारों का जखीरा घटा ही है। पर फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट (FAS) का कहना है कि 1990 के दशक की तुलना में हाल के दिनों में परमाणु हथियारों को नष्ट करने की गति में कमी आई है। बावजूद इसके शीत युद्ध के बाद परमाणु हथियारों की संख्या में काफी कमी आई है।

चार देशों ने मिसाइल पर तैनात कर रखें हैं ऐटमी हथियार
FAS के अनुसार, 3,600 ऐटमी हथियार मिसाइलों पर लगाए गए हैं और ये सैन्य बलों के नियंत्रण में हैं। इनमें से करीब 1,800 हथियार हाई अलर्ट मोड में हैं और शॉर्ट नोटिस पर हमले के लिए तैयार रहते हैं। रूस ने 1,600 हथियार मिसाइल पर तैनात कर रखे हैं। अमेरिका ने भी इतनी ही संख्या में हथियार को तैनात कर रखा है। फ्रांस ने 280 और ब्रिटेन ने 120 परमाणु हथियार तैनात कर रखे हैं।

जानें क्या होता Air Blast
जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि एयर ब्लास्ट हवा में कराया जाता है। इस विस्फोट से जमीन पर तो कोई बड़ा गड्ढा नहीं बनता लेकिन यह बेहद ताकतवर होता है।हवा में विस्फोट के बाद यह हवा में अति उच्च क्षमता का दबाव बनाता है और थर्मल रेडिएशन को बढ़ाता है। हिरोशिमा में गिराया गया 15 किलोटन का परमाणु बम हवा में फटा था। विस्फोट की जगह पर सघन बादल बने थे। विस्फोट के बाद तेज झटके उत्पन्न होते हैं, हवा के दबाव में अचानक बदलाव आता है, बहुत तेज हवाएं चलती हैं। जितनी ऊंचाई पर विस्फोट होगा, उतना जबरदस्त हवा का दबाव बनेगा। हवा के दबाव में बदलाव के बाद बड़ी इमारतें जमींदोज हो जाएंगी। तेज हवाओं के कारण पेड़-पौधे नेस्तनाबूद हो जाएंगे और लाखों लोगों की जान जाएगी।