अनुपम खेर ने सोशल मीडिया पर फैल रही नफरत पर जताई नाराजगी, कहा- सरेआम …

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अभिनेता अनुपम खेर (Anupam Kher) सोशल मीडिया पर खासा एक्टिव रहते हैं. वह राजनीतिक और सामजिक मुद्दों पर अक्सर बेबाकी से अपनी राय रखते हैं. हाल ही में जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले में पंडित सरपंच अजय पंडिता (Ajay Pandita) की हत्या मामले पर अनुपम खेर का गुस्सा फूट पड़ा था. अब उन्होंने एक वीडियो शेयर कर सोशल मीडिया पर लगातार फैल रही नफरत को लेकर सवाल खड़े किए हैं.

उन्‍होंने इस वीडियो में कहा,’ मैं बहुत दिनों से एक बात के बारे में सोच रहा था लेकिन फिर टाल देता था. लेकिन आज यह इंटरनेट या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर आजकल ज्यादा ही नेगेटिविटी और गाली गलौच नहीं हो गई है? या शायद पहले से ही इतना था, हम क्या बनते जा रहे हैं.’

अनुपम खेर ने आगे कहा,’ कंटेंट के नाम पर आज सरेआम लोगों को नीचा दिखाने की कोशिश की जा रही है. कहीं हिंसात्मक और अश्लील वीडियो सामने आ रहे हैं तो कहीं लॉकर रूम जैसे किस्‍से. बस, सवाल यह है कि इसमें दोष सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का है या उस पर ऐसे वीडियो बनाने वाले लोगों की. अगर ऐसे वीडियो बन रहे हैं तो ये इतने वायरल क्‍यों हो रहे हैं. क्‍या किसी को नीचा दिखाने में हमें मजा आने लगा है.’

उन्‍होंने कहा,’ क्‍या सोशल मीडिया पर ऐसे वीडियो बनाने वाले लोग क्या असल जिंदगी में भी अपने माता-पिता के सामने ऐसे ही गालियों और शब्दों का इस्तेमाल करते हैं. क्‍या उनके घरवाले ऐसे वीडियोज को देखकर गर्व महसूस करते हैं. कहते हैं हर वीडियो कुछ बताता है, आपके अंदर का सच दिखाता है. क्या यही इनलोगों के अंदर का सच है. मैं तकरीबन हर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हूं, जहां मुझे कई कंटेट के बारे में काफी कुछ सीखने को मिलता है. इस प्‍लेटफॉर्म पर मुझे अपनी राय रखने का भी मौका मिलता है. लेकिन मैं हमेशा इस बात का ख्‍याल रखता हूं कि मेरी वजह से किसी को दुख न पहुंचे या तकलीफ हो.’

अनुपम खेर ने यह भी कहा कि,’ हां अगर कोई मेरे परिवारवालों को बिना मतलब के गाली देता हूं तो मैं उसका जवाब देना भी जरूरी सोचता हूं. इन बातों को कहने का सिर्फ यह मतलब है कि इस लॉकडाउन में हमें इतनी तो सीख मिली है जिंदगी बहुत छोटी है और यहां कुछ भी हो सकता है, तो क्‍यों न नफरत छोड़कर प्‍यार को बांटें. अपनी बुराई की जगह अपनी अच्‍छाई को दिखाएं. क्‍या मैं सही कह रहा हूं न.’