अपनी जमीन पर चले रहे आतंकी गतिविधियों पर कार्रवाई करे पाकिस्तान- अमेरिका

   

अमेरिका ने एक बार फिर पाकिस्तान से कहा है कि वह आतंकी संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे। अमेरिका के विदेश मंत्रालय का कहना है कि हमने पाकिस्तान को कहा है कि वह अपनी सरजमीं पर पल रहे आतंकी संगठनों के खिलाफ ‘स्थायी एवं लगातार’ कार्रवाई करे।

अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, विदेश मंत्रालय का बयान ऐसे समय पर आया है जब पाकिस्तान पुलवामा आतंकी हमले के बाद से वैश्विक दबाव में है और भारत ने 26 फरवरी को बालाकोट में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी कैंपों को निशाना बनाया था।

इसके बाद बीते कुछ दिनों में उसने कुछ आतंकी संगठनों और उसके नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की है। पाकिस्तान के आंतरिक मंत्रालय ने घोषणा करते हुए बताया था कि वर्जित समूहों के 121 सदस्यों को पाकिस्तान में नजरबंद किया गया है।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के उप प्रवक्ता रॉबर्ट पलाडिनो ने पत्रकारों से गुरुवार को कहा, ‘मैं कहना चाहता हूं कि हमने पाकिस्तान से आतंकवादी समूहों के खिलाफ निरंतर, अपरिवर्तनीय कार्रवाई करने का आग्रह किया है जो भविष्य के हमलों को रोकेंगे और क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देंगे।’

उन्होंने कहा, ‘हम आतंकवादियों को सुरक्षित पनाह देने और धन तक उनकी पहुंच को रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के दायित्वों का पालन करते हुए पाकिस्तान को लेकर अपनी बात दोहराते हैं।’

हालांकि उन्होंने जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के नेता मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित किए जाने को लेकर अमेरिका के कदम के बारे में कोई साफ जवाब नहीं दिया।

पलाडिनो ने कहा, ‘मसूद अजहर और जैश-ए-मोहम्मद को लेकर हमारे विचार सभी को पता हैं। जैश एक संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी समूह है जो कई आतंकवादी हमलों का जिम्मेदार है और वह क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा है।

मसूद अजहर जेईएम का संस्थापक और नेता है।’ संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समिति के विचार-विमर्श से जुड़े प्रश्न गोपनीय हैं और इसपर अमेरिकी विदेश मंत्रालय किसी तरह की कोई टिप्पणी नहीं कर सकता है।

उन्होंने कहा, ‘लेकिन हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबंध समिति के साथ काम करना जारी रखेंगे कि सूची सही हो और अपडेट हो जाए।’ अमेरिका की राजधानी में भारतीय राजदूत हर्षवर्धन श्रृंगला ने रिपब्लिक नेता केविन मेकार्थी से मुलाकात की।

बैठक के बाद रिपब्लिक नेता ने कहा, ‘हमें आतंकवाद के कृत्यों के खिलाफ मजबूत होना चाहिए और दोनों देशों के बीच व्यापार को बेहतर बनाने के लिए साथ मिलकर काम करना चाहिए।’