अब जोर से म्यूजिक बजाया तो साउंड का स्रोत का पता कर चालान काटने पहुंच जाएगी पुलिस!

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नई दिल्ली : आपके पड़ोस में जोरशोर से डीजे बज रहा है और नींद हराम हो रही है तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। चूँकि दिल्ली पुलिस खुद ही इसे डिटेक्ट करके चालान काटने पहुंच जाएगी। दिल्ली पुलिस को ऐसी डिवाइस उपलब्ध करवाई जाएगी जिससे साउंड को पहचान कर उसके स्रोत का पता लगाया जाएगा और जीपीएस के माध्यम से वहां तक पहुंचना मुमकिन होगा। कमिश्नर अमूल्य पटनायक चाहते हैं कि दिवाली से पहले यह डिवाइस ऑपरेशनल हो जाए ताकि पटाखों से होने वाले शोर पर लगाम लगाई जा सके। दिल्ली पुलिस अपने अधिकारियों को उन्नत डेसीबल मीटरों के साथ स्थापित करने के लिए तैयार है, जो जीपीएस-लोकेटिंग प्रणाली द्वारा दूरी से ध्वनि के स्रोत और स्तर का सटीक पता लगा सकते हैं और माप सकते हैं। आयुक्त अमूल्य पटनायक चाहते हैं कि ध्वनि प्रदूषण पर नकेल कसने की कोशिश में इस दिवाली से पहले उपकरणों का परिचालन शुरू हो जाए ।

पिछले साल दिल्ली पुलिस को ध्वनि प्रदूषण से संबंधित 95,236 शिकायतें मिली थीं। लेंकिन पुलिस नियमों को तोड़ने वालों पर कार्रवाई नहीं कर पाती थी क्योंकि जैसे ही उन्हें पता चलता था वे आवाज कम कर लेते थे। ऐसे में रंगे हाथ पकड़ना मुश्किल होता था जो कि केस दर्ज करने के लिए जरूरी है। यह डिवाइस पुलिस के लिए बड़े काम की चीज साबित हो सकती है क्योंकि इससे आवाज की तीव्रता और स्रोत दोनों का पता आसानी से चल जाएगा। आम तौर पर जब ध्वनि प्रदूषण की शिकायत मिलती है तो पुलिस मौके पर पहुंच कर मैनुअली उसकी तीव्रता चेक करती है और तभी चालान करती है। इस डिवाइस के काम करने के बाद पुलिस दूर खड़ी होकर भी कार्रवाई कर सकती है।

एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘यह डिवाइस पहली की डिवाइस से बहुत ही अडवान्स है। इसकी कीमत लगभग 2.25 लाख रुपये है और यह लैटिट्यूड और लॉन्गिट्यूड दोनों बताने में सक्षम है। हमारी कोशिश है कि सभी थानों के पास कम से कम एक डिवाइस हो।’