अब दुकान खाली कराने और लूटपाट मामले में आजम खान पर मुकदमा दर्ज !

,

   

जबरन दुकान खाली कराने और लूटपाट करने के आरोप में भी सांसद आजम खां फंस गए हैं। पीड़ित दुकानदार की तहरीर पर सिविल लाइंस कोतवाली की पुलिस ने पूर्व मंत्री आजम खां, तत्कालीन इंस्पेक्टर आले हसन, डीसीडीएफ के पूर्व चेयरमैन मास्टर जाफर और सहकारी संघ के तत्कालीन सचिव कामिल खां के खिलाफ आईपीसी की धारा 392, 427 और 448 के तहत रिपोर्ट दर्ज कर ली है। यह आजम खां पर दर्ज होने वाला 83वां मुकदमा है।

वीपी कॉलोनी निवासी गगन लाल का आरोप है कि स्टेशन रोड पर विकास भवन के पास उसकी दुकान थी। यह दुकान उसको जिला सहकारी संघ (डीसीडीएफ) ने 2820 रुपये प्रतिवर्ष की दर से आवंटित की थी। दुकान का आवंटन उसके पास पिछले साठ सालों से था।

13 फरवरी 2013 को दोपहर वक्त तत्कालीन सिविल लाइंस इंस्पेक्टर आले हसन, डीसीडीएफ के तत्कालीन चेयरमैन मास्टर जाफर, तत्कालीन मंत्री आजम खां और जिला सहकारी बैंक के सचिव कामिल खां उसकी दुकान पर आ धमके। उनके साथ बड़ी संख्या में पुलिस भी थे।

दुकान पर आते ही आरोपियों ने कहा कि इसे खाली करो यह दुकान अब तजीन फात्मा (आजम खां की पत्नी) के नाम पर आवंटित होनी है। इसके बाद आरोपियों ने दुकान का सामान निकालकर फेंकना शुरू कर दिया। आले हसन ने गल्ले में रखे 16,500 रुपये लूट लिए। दुकान में तोड़फोड़ किए जाने से उसका दो लाख रुपये का नुकसान हुआ।

उसका कहना है कि बाद में उसकी दुकान तजीन फात्मा के नाम आवंटित कर दी गई। गगन लाल का कहना है कि वह इस मामले में वह रिपोर्ट दर्ज कराने सिविल लाइंस कोतवाली में गया था, लेकिन पुलिस ने भगा दिया और उल्टे उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 467 और 468 में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया। बाद में उसे अपनी जमानत करानी पड़ी।

तहरीर के आधार पर पुलिस ने पूर्व मंत्री आजम खां, तत्कालीन इंस्पेक्टर आले हसन, डीसीडीएफ के पूर्व चेयरमैन मास्टर जाफर और कामिल खां के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है।