नए साल की शुरुआत के साथ ही अमरीका में राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प के खिलाफ़ डेमोक्रेटिक पार्टी ने अपना हमला तेज़ कर दिया है। अमरीकी संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा में डेमोक्रेटिक पार्टी को बहुमत हासिल है।
डेमोक्रेट सांसदों का इरादा है कि वह फ़ेडरल गवर्नमेंट की संस्थाओं की आंशिक शट-डाउन को समाप्त करने के लिए एक बिल पास करेंगे लेकिन मैक्सिको और अमरीका की सीमा पर दीवार के निर्माण के लिए उस बजट की मंज़ूरी नहीं देंगे जिसकी कोशिश ट्रम्प कर रहे हैं।
अमरीका में आठ मंत्रालय पिछले 22 दिसम्बर से बंद पड़े हैं जिन्हें खोलने की कोशिश की जाएगी। ट्रम्प का टकराव केवल डेमोक्रेटिक पार्टी से नहीं है, उनके ख़िलाफ़ ख़ुद उनकी अपनी रिपब्लिकन पार्टी के नेता उनके ख़िलाफ़ हो गए हैं।
कई रिपब्लिकन नेता एसे थे जो ट्रम्प की अनेक नीतियों से सहमत नहीं थे मगर वह ट्रम्प की आलोचना नहीं करते थे बल्कि तटस्थ रहना पसंद करते थे मगर अब यह नेता भी ट्रम्प के ख़िलाफ़ मोर्च खोल चुके हैं। लिंडसे ग्राहम को ट्रम्प के क़रीबी लोगों में गिने जाता था मगर वरिष्ठ सऊदी पत्रकार जमाल ख़ाशुक़जी की निर्मम हत्या के बाद रियाज़ सरकार और सऊदी क्राउन प्रिंस बिन सलमान के बारे में ट्रम्प प्रशासन के रवैए से वह भी नाराज़ हो गए और उन्होंने भी ट्रम्प प्रशासन के रवैए की आलोचना की।
ट्रम्प के लिए एक बड़ी समस्या वह जांच है जो राष्ट्रपति चुनावों के प्रचार के दौरान रूसी अधिकारियों से उनके संपर्क के बारे में हो रही है साथ ही ट्रम्प के सेक्स स्कैंडल और आर्थिक भ्रष्टाचार पर भी जांचकर्ताओं की नज़र है। वरिष्ठ जांचकर्ता राबर्ट मूलेर की जांच राष्ट्रपति ट्रम्प के सिर पर तलवार बनकर लटक रही है।
डोनल्ड ट्रम्प की विदेश नीति पर भी सवाल उठ रहे हैं ट्रम्प ने उत्तरी कोरिया के संबंध में जो नीति अपनाई उसके बारे में लोगों की राय है कि ट्रम्प इस मामले को अपने रियल स्टेट सेक्टर के अनुभव के आधार पर डील करना चाहते हैं।
ट्रम्प का यह कहना है कि यदि कोई डील करनी है तो सामने वाले पक्ष के सामने उस निर्धारित लक्ष्य से बहुत ऊंची मांग रखनी चाहिए और अपनी मांग पर अड़े रहना चाहिए तब आख़िर में वही निर्धारित लक्ष्य हासिल हो जाता है।
लेकिन नए साल पर उत्तरी कोरिया के नेता किम जोंग ऊन ने बयान दिया है कि यदि अमरीका ने उत्तरी कोरिया के ख़िलाफ़ प्रतिबंधों तथा अन्य नीतियों में बुनियादी बदलाव न किया तो अमरीका के संबंध में उत्तरी कोरिया अपना रास्ता बदल लेगा।
यह किम जोंग ऊन की ओर से ट्रम्प को गंभीर चेतावनी है। इस मामले में साबित हुआ कि रियल स्टेट के सेक्टर में ट्रम्प का जो भी अनुभव रहा हो सच्चाई यह है कि उत्तरी कोरिया के मामले में उनका अनुभव फ़ेल रहा है।
साभार- ‘parstoday.com’