अमरीका ने अपनी वायु सेना की पूर्व ख़ुफ़िया अधिकारी को ईरान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ़्तार कर लिया। एएफ़पी के अनुसार अमरीकी अदालत ने आरोप लगाया है कि 39 वर्षीय मोनिका वेट ने अमरीकी मिलेट्री पर साइबर हमलों के लिए आईआरजीसी की सहायता की।
वाशिंग्टन अधिकारियों के अनुसार मोनिका वेट ने अमरीकी वायु सेना में 10 साल काउंटर एंटीलीजेंस के रूप में काम किया और 2008 में अन्य निजी विभागों के लिए काम करने के अतिरिक्त डिफ़ेंस कांट्रेक्टर बोज़ो एलियन हेमल्टन के लिए एंटीलीजेंस विशेषज्ञ के रूप में ज़िम्मेदारियां अदा कीं।
पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार. अमरीकी अधिकारियों ने आरोप लगाया है कि मोनिका वेट ने अपने देश के विरुद्ध “दृष्टिकोण” के आधार पर रुख़ बदला और अमरीकी संवेदनशील आप्रेशन और अमरीकी जासूसों का ब्योरा तेहरान को दिया।
ब्रिटिश समाचार पत्र दा गार्डियन की रिपोर्ट के अनुसार अमरीकी न्याय विभाग की ओर से लगाए गये आरोपों में कहा गया है कि मोनिका वेट का अगस्त 2013 में ईरान के साथ संपर्क हुआ जहां उन्होंने अपने साथी एंटीलीजेंस अधिकारियों का ब्योरा ईरान को दिया।
रिपोर्ट में दावा किया गया कि उसके बाद ईरानी हैकर्स ने काउंटर ख़ुफ़िया अधिकारियों पर हमला किया। ज्ञात रहे कि सितम्बर 2018 को अमरीका में पढ़ने वाले चीनी छात्र को “जासूसी” के आरोप में गिरफ़्तार कर लिया गया था।
अमरीकी अधिकारियों ने दावा किया था कि गिरफ़्तार चीनी छात्र जी चाव किम के पास अमरीकी वैज्ञानिकों और इन्जीनियर्स को बीजिंग की सहायता के लिए भर्ती करने का लक्ष्य था।
अधिकारियों ने बताया था कि 27 वर्षीय जी चाव किम स्टूडेंट वीज़ा पर 2013 में शिकागो पहुंचे और उन्हें चीनी ख़ुफ़िया एजेन्सी ने संदिग्ध रूप में 8 अमरीकी नागरिकों की जानकारियां एकत्रित करने के लिए भेजा था।