अमेरिकी डॉलर पाकिस्तानी रुपये के मुकाबले 164 तक पहुंचा, पाकिस्तान की हालत बद से बदतर की ओर

   

कराची : अमेरिकी डॉलर पाकिस्तानी रुपये के मुकाबले 164.50 रू तक पहुंच गया है, गुरुवार को इंटरबैंक बाजार में एक नया सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया। इंटरबैंक मार्केट में अमेरिकी डॉलर 2.34 रुपये की बढ़त के साथ 164.50 रुपये पर पहुंच गया और इसी के साथ बुधवार को पाकिस्तानी डॉलर अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कमजोर होकर इंटरबैंक बाजार में 162.47 रुपये तक पहुंच गया। बुधवार को पाकिस्तानी रुपया एक डॉलर की तुलना में 7.2 रुपए कमज़ोर हुआ. पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले से ही संकट में घिरी है ऐसे में रुपए में जारी गिरावट से संकट और गहरा गया है. रुपया ऐतिहासिक रूप से सबसे निचले स्तर पर आ गया है.

पाकिस्तान के इतिहास में इतनी छोटी अवधि में इतनी बड़ी गिरावट पहली बार हुई है. आईएमएफ़ से छह अरब डॉलर के क़र्ज़ के समझौते को देखते हुए पाकिस्तानी रुपए में और गिरावट की आशंका जताई जा रही है. 6 अरब डॉलर के ऋण पर अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ एक “बाजार-निर्धारित” विनिमय दर सहित अपेक्षित शर्तों के साथ एक समझौते के बाद रुपया डॉलर के मुकाबले गिर रहा है। रुपये की आधिकारिक विनिमय दर को केंद्रीय बैंक द्वारा डी फ़्लो मैनेज फ़्लोट सिस्टम के तहत समर्थित किया जाता है और कई विश्लेषकों ने मुद्रा को वैध माना है। स्टेट बैंक के आंकड़ों के अनुसार, 3 मई तक केंद्रीय बैंक का विदेशी मुद्रा भंडार 8.984 बिलियन डॉलर था, जो आयात भुगतान के तीन महीने से कम के बराबर था।

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा था, ”पिछले 10 साल में पाकिस्तान का क़र्ज़ छह हज़ार अरब से 30 हज़ार अरब रुपए तक पहुंच गया है. जो हम चार हज़ार अरब रुपए का सालाना टैक्स इकट्ठा करते हैं उसकी आधी रक़म क़र्ज़ों की किस्तें अदा करने में जाती हैं. बाक़ी का पैसा जो बचता है उससे मुल्क का खर्च नहीं चल सकता है. पाकिस्तानी वो कौम हैं जो दुनिया भर में सबसे कम टैक्स अदा करते हैं लेकिन उन चंद मुल्कों में से है जहां सबसे ज़्यादा ख़ैरात का बोझ है. अगर हम तैयार हो जाएं तो कम से कम हर साल 10 हज़ार अरब रुपए इकट्ठा कर सकते हैं.”