अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने टेक्स्ट अलर्ट विवाद में फेसबुक का किया समर्थन

   

सैन फ्रांसिस्को, 2 अप्रैल । अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने टेक्स्ट मैसेज अलर्ट को लेकर एक मामले में फेसबुक का समर्थन करते हुए कहा है कि ये नोटिफिकेशंस अवांछित ऑटो-डायल कॉल को प्रतिबंधित करने वाले नियमों के खिलाफ नहीं जाती हैं।

द वर्ज की रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार को आए अदालत के फैसले में कहा गया है कि निचली अदालत ने अवैध रूप से रोबोकॉल को बड़े पैमाने पर परिभाषित किया है।

मामला उन टेक्स्ट संदेशों के इर्द-गिर्द घूमता है, जो फेसबुक उपयोगकर्ताओं को एक लॉगिन के लिए भेजता है।

रिपोर्ट के अनुसार, अदालत के फैसले में कहा गया है कि रोबोकॉल शब्द उस सिस्टम पर लागू नहीं होना चाहिए, जो केवल संख्याओं को संग्रहित करता है और स्वचालित रूप से उन्हें कॉल करता है।

अदालत ने माना कि सोशल मीडिया कंपनी द्वारा भेजे गए टेक्स्ट संदेशों ने टेलीफोन उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1991 (टीसीपीए) का उल्लंघन नहीं किया।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नियम केवल उन प्रणालियों पर लागू होने चाहिए, जो संख्याओं की सूची उत्पन्न करते हैं और अंधाधुंध कॉल करते हैं।

यह मामला नोआ दुगुइद द्वारा दायर किया था, जिन्होंने अपनी दलील में कहा था कि उन्हें सोशल नेटवर्किं ग प्लेटफॉर्म के साथ कोई अकाउंट नहीं होने के बावजूद भी फेसबुक से नोटिफिकेशन मिली हैं।

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