अयोध्या में योगी आदित्यनाथ : महाभारत से पहले भी मध्यस्थता के प्रयास विफल रहे

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अयोध्या : सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अयोध्या विवाद पर मध्यस्थता के प्रयास विफल हो गए, सुप्रीम कोर्ट के यह कहे जाने के एक दिन बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उन्हें मालूम था कि यह प्रयास विफल होगा। अयोध्या में एक सभा को संबोधित करते हुए योगी ने कहा कि 6 अगस्त से इस मामले की रोजाना सुनवाई होगी और विश्वास व्यक्त किया कि सुप्रीम कोर्ट जनता की भावनाओं का सम्मान करेगा। इससे पहले दिन में, योगी ने परमहंस रामचंद्र दास को श्रद्धांजलि दी और दिगम्बर अखाड़े में एक अतिथिगृह का उद्घाटन किया। उन्होंने संत-महात्माओं की सभा में कहा, ‘हमें मालूम था कि इस मध्यस्थता से कुछ निकलने नहीं जा रहा है। लेकिन यह अच्छा है। यदि प्रयास होते हैं तो अच्छी बात है।’ सीएम योगी ने कहा, ‘महाभारत से पहले भी मध्यस्थता (की कोशिश) हुई थी, लेकिन वह कोशिश विफल रही थी।’ मुख्यमंत्री परमहंस रामचंद्र दास की 16वीं पुण्यतिथि के मौके पर एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे थे। परमहंस रामचंद्र दास अयोध्या में विवादित स्थान पर राममंदिर के निर्माण के प्रबल पैरोकार थे।

उन्होंने स्थानीय अखाड़े के साधकों से भी मुलाकात की, जो मांग कर रहे हैं कि अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर बनाया जाए। सीएम सरयू नदी के तट पर पहुंचे और मीरापुर गाबा में राम की विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा के निर्माण के लिए प्रस्तावित स्थल का निरीक्षण किया।

उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा था कि वह रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद पर फैसला करने के लिए छह अगस्त से रोजाना सुनवाई करेगा क्योंकि मध्यस्थता से हल तक पहुंचने की कोशिश विफल हो गई है। शीर्ष अदालत ने मार्च में अपने एक पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति एफ एम आई खलीफुल्ला की अगुवाई में तीन सदस्यीय समिति बनाई थी। रोजाना सुनवाई करने के शीर्ष अदालत के निर्णय पर आदित्यनाथ ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि लोगों की भावनाओं का सम्मान किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि अयोध्या में राममंदिर के निर्माण का अभियान जनांदोलन था और उन्होंने इस संबंध में परमहंस रामचंद्र दास की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, ‘हम इस कलयुग में अयोध्या का विकास कर रहे हैं जबकि अयोध्या त्रेतायुग में था।’ मुख्यमंत्री ने शहर में 130 करोड़ रुपये की लागत की परियोजनाओं का निरीक्षण भी किया और कहा कि उन्होंने अयोध्या के विकास और उसकी पर्यटन संभावनाओं पर संतों और अधिकारियों से बातचीत की है।