अयोध्या में राम मंदिर निर्माण में VHP सबसे बड़ा रोड़ा है- महंत धर्मदास

   

रामजन्म भूमि निर्माण समिति के मुख्य पक्षकार और निर्वाणी अखाड़े के महंत धर्मदास ने कहा कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण में सबसे बडा रोड़ा कांग्रेस और विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) है।

महंत धर्मदास ने उच्चतम न्यायालय में राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में दायर अपीलों पर सुनवाई 10 जनवरी होने और इसे तीन न्यायाधीशों की नई खंड़पीठ द्वारा किए जाने को ‘‘आश की किरण’’ बताया।

उन्होंने कहा कि यदि सुनवाई मुख्य बिन्दुओं पर होगी तो दो महीने के भीतर परिणाम सामने आ जाएगा। साथ ही आशा व्यक्त की है कि वर्ष 2019 में राम मंदिर मसले का परिणाम देश की जनता को मिल जाएगा।

धर्मदास ने कहा कि सुनवाई मुख्य बिन्दुओं पर ही होनी चाहिए। इससे हटने का मतलब सिर्फ बिलंब है। राम जन्म भूमि मुद्दा बहुत पुराना है। इसपर प्रतिदिन सुनवाई कर जल्द से जल्द निर्णय हो।

उन्होंने कहा कि विहिप का, जो राम मंदिर निर्माण को लेकर कुछ महीनों से आंदोलन चला रही है, ‘‘थोथा चना बाजे घना’’ की कहावत है। यह सब दिखावा है, अपनी मजबूती बनाने और लोगों को भ्रमित करने का तरीका है।

उन्होंने कहा कि वह राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर राम मंदिर मामले की सुनवाई प्रतिदिन करने का अनुरोध कर चुके हैं। अब तीन न्यायाधीशों की बेंच इसकी सुनवाई करेगी, आशा है, परिणाम शीघ्र आएगा।

मंहत ने बताया, ‘‘मैं रामजन्म भूमि निर्माण समिति का मुख्य पक्षकार हूं और वर्ष 1949 में बाबा अभिराम दास जी द्वारा जो भगवान श्रीराम की मूर्ति अयोध्या में रखी गई है, उस मूर्ति का मुख्य पक्षकार हूं।’’

महंत ने कहा,‘‘राम मंदिर का मुद्दा प्रॉपर्टी का विवाद है। यह कोई बहुत बड़ा मुकदमा नहीं, लेकिन इसे विश्व का सबसे बड़ा मुकदमा बनाने की रणनीति चल रही है। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के मामले को बिना मतलब लंबा खींचा जा रहा है।

साभार- ‘पंजाब केसरी’