अयोध्या विवाद में मध्यस्थता: रिटायर्ड जस्टिस मोहम्मद कलीफुल्ला होंगे पैनल के चेयरमैन!

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सुप्रीम कोर्ट अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद के सर्वमान्य समाधान के लिए इसे मध्यस्थता के लिए सौंपने का फैसला किया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मध्यस्थता के लिए एक तीन सदस्यीय पैनल बनाया गया है।

जस्टिस फकीर मोहम्मद कलीफुल्ला (रिटायर्ड) को इस पैनल का चेयरमैन नियुक्त किया गया है। इस पैनल के दो अन्य सदस्य आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर और सीनियर ऐडवोकेट श्रीराम पंचू हैं। बताया जा रहा है कि अयोध्या में ही मध्यस्थता के लिए कोशिश की जाएगी।

इंडिया टीवी न्यूज़ डॉट कॉम के अनुसार, मध्यस्थता को लेकर बातजीत फैजाबाद में ही की जाएगी। अगले एक हफ्ते में यह काम शुरू हो जाएगा और 4 हफ्ते में पैनल को अपनी रिपोर्ट अदालत को सौंपनी होगी।

हालांकि फाइनल रिपोर्ट के लिए पैनल को 8 हफ्ते का समय दिया गया है। मध्यस्थता के लिए जब तक बातचीत का सिलसिला चलेगा, सारी बातें गोपनीय रहेंगी।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पैनल में शामिल लोग या संबंधित पक्ष मामले से जुड़ी कोई भी जानकारी नहीं देंगे। कोर्ट ने मध्यस्थता की मीडिया रिपोर्टिंग पर भी पाबंदी लगाई है। साथ ही कोर्ट ने कहा है कि मध्यस्थता की कार्यवाही कैमरे के सामने होनी चाहिए।

इससे पहले चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संविधान पीठ ने बुधवार को इस मुद्दे पर विभिन्न पक्षों को सुना था। पीठ ने कहा था कि इस भूमि विवाद को मध्यस्थता के लिए सौंपने या नहीं सौंपने के बारे में बाद में आदेश दिया जाएगा।

इस प्रकरण में निर्मोही अखाड़ा के अलावा अन्य हिंदू संगठनों ने इस विवाद को मध्यस्थता के लिए भेजने के शीर्ष अदालत के सुझाव का विरोध किया था, जबकि मुस्लिम संगठनों ने इस विचार का समर्थन किया था।