अलीगढ़: हिंदू-मुस्लिम एकता और धार्मिक सहिष्णुता की मिसाल कायम करते हुए पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी की पत्नी सलमा अंसारी ने यहां से चलाए जा रहे “चाचा नेहरू मदरसा” के अंदर मंदिर और मस्जिद दोनों बनाने का फैसला किया है। वह दावा करती हैं कि इससे यहां पढ़ने वाले छात्रों का बचाव और सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी।
उन्होंने कहा, “हॉस्टल में रहने वाले छात्रों की सुरक्षा हमारी ज़िम्मेदारी है। जब वे किसी मंदिर या मस्जिद में जाने के लिए मदरसे के बाहर जाते हैं और कोई अप्रिय घटना घटती है तो यह हमारी जिम्मेदारी होगी। इसे महसूस करते हुए, हमने फैसला किया है कि परिसर के भीतर मस्जिद और मंदिर दोनों का निर्माण किया जाएगा ताकि हमारे बच्चों का बचाव और सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।”
अंसारी ने कहा, “मैं चाहती हूं कि हिंदुस्तान के निर्माण में हर किसी का कहना होना चाहिए। यहां मैं केवल अपने बच्चों की सुरक्षा से चिंतित हूं।”
उन्होंने कहा, “मॉब लिंचिंग के लिए मौत की सजा एक अच्छा निवारक है। इस तरह के अपराध समाज पर एक धब्बा हैं। मदरसा चलाते समय हमें इसके हर पहलू को देखना चाहिए।”
मदरसे में हिंदू और मुस्लिम दोनों सहित हजारों छात्र रहते हैं।