अली अशरफ फातमी ने राजद से दिया इस्तीफा, मधुबनी से निर्दलीय लड़ेंगे चुनाव

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पूर्व केंद्रीय मंत्री और दरभंगा से चार बार सांसद रहे राजद के कद्दावर नेता अली अशरफ फातमी ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से बुधवार को इस्तीफा दे दिया। इस दौरान उन्होंने कहा है कि वह भाजपा के अलावा किसी अन्य राष्ट्रीय पार्टी से 18 अप्रैल को मधुबनी लोकसभा सीट से अपना नामांकन दाखिल करेंगे।

मधुबनी सीट से पार्टी द्वारा उम्मीदवार नहीं बनाए जाने से नाराज चल रहे फातमी ने बताया कि मंगलवार को फोन कर राजद प्रमुख तेजस्वी यादव ने उन्हें छह साल के लिए पार्टी से निलंबित करने की बात कही थी, जिसके बाद इस पार्टी में बने रहने का कोई औचित्य नहीं था। उन्होंने कहा कि इसलिए आज मैंने राजद की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। फातमी ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद के छोटे बेटे तेजस्वी पर रूखे और असभ्य तरीके से बात करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी (तेजस्वी की) जितनी उम्र है, उससे अधिक समय से वह इस दल में रहे हैं।

फातमी ने कहा कि तेजस्वी के बड़े भाई तेजप्रताप यादव ने पार्टी में अपनी बात नहीं सुने जाने पर राजद के खिलाफ लालू—राबड़ी मोर्चा बट ना डाला और महागठबंधन तथा पार्टी उम्मीदवारों के खिलाफ अपने उम्मीदवार उतारे हैं। लेकिन तेजस्वी ने उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की क्योंकि वह (तेजप्रताप) उनके परिवार के सदस्य हैं, जबकि मैं नहीं हूं। बसपा के टिकपर आगामी 18 अप्रैल को मधुबनी से नामांकन दाखिल करने की संभावना के बारे में फातमी ने कहा कि भाजपा के अलावा जिस भी राष्ट्रीय दल से उनकी बात बन जाएगी, वह उसी के उम्मीदवार के तौर पर गुरुवार को नामांकन दाखिल करेंगे।

गौरतलब है कि राजद ने दरभंगा सीट से पूर्व मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी को उम्मीदवार बनाया है। वहीं महागठबंधन के तहत मधुबनी सीट मुकेश सहनी नीत विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के खाते में गई है, जिसने वहां बद्रीनाथ पूर्वे को अपना उम्मीदवार बनाया है। दरभंगा से पार्टी (राजद) द्वारा सिद्दीकी को उम्मीदवार बनाए जाने के बाद फ़ातिमी को उम्मीद थी कि उन्हें मधुबनी से उम्मीदवार बनाया जाएगा।

इसबीच, महागठबंधन में शामिल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शकील अहमद ने मंगलवार को मधुबनी से अपना दो सेट नामांकन दाखिल किया। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले दो दिनों के अंदर उन्हें पार्टी का चुनाव चिह्न आवंटित हो जाएगा और ऐसा नहीं होने की स्थिति में वह निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ेंगे। शकील मधुबनी लोकसभा सीट का दो बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।