असम के सिलचर में एक वेश्यालय की 200 से ज्यादा सेक्स वर्करों का भविष्य अधर में लटका हुआ है। ये सभी नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (NRC) की अंतिम लिस्ट में जगह बनाने में नाकाम रहीं। परिवार से नकारे जाने के बाद अपनी नागरिकता साबित करने के लिए दस्तावेज न होने की वजह से इनके ऊपर डिटेंशन सेंटर या किसी अज्ञात जगह पर भेजे जाने का खतरा मंडरा रहा है।
सिलचर के रेड लाइट एरिया की एक सेक्स वर्कर सोनाली दास (बदला हुआ नाम) का कहना है, ‘अब मैं डरी हुई हूं क्योंकि सरकार मुझे दूसरे देश भेज सकती है या हमें डिटेंशन कैंप में रखा जा सकता है।’ हालांकि वह एनआरसी में आवेदन करने को लेकर उत्सुक थी लेकिन डॉक्युमेंट्स नहीं होने के कारण वह ऐसा नहीं कर सकी।
सोनाली आगे बताती हैं, ‘मेरे परिवार ने मुझे कोई भी वैध दस्तावेज नहीं सौंपा क्योंकि उनके लिए मैं मर चुकी हूं।’ जब उनसे पूछा गया कि वह सिलचर में कैसे पहुंची तो सोनाली ने बताया, ‘कुछ साल पहले मेरे एक रिश्तेदार ने गुवाहाटी में नौकरी का लालच दिया और मैं उसके साथ घर छोड़कर चली गई। हालांकि उसने मुझे सिलचर के एक वेश्यालय में काफी पैसों के बदले बेच दिया।’
यह कहानी सोनाली की ही नहीं है। देह व्यापार की एक और शिकार पिंकी (बदला हुआ नाम) का कहना है, ‘मैंने एनआरसी की प्रक्रिया के दौरान गुवाहाटी में अपने परिवार से वैध दस्तावेजों को शेयर करने के लिए संपर्क किया लेकिन उन्होंने कोई सहयोग नहीं दिया।’
सोमवार को हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कछार डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विस अथॉरिटी (डीएलएसए) की सदस्य तूहीना शर्मा ने कहा, ‘डीएलएसए के सदस्यों ने वेश्यालय का दौरा करते हुए वहां रहने वाली सेक्स वर्कर्स को एनआरसी अपडेट प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी। हालांकि उनमें से कई ने बताया कि परिवार के सदस्यों द्वारा पहचानने से इनकार करने के बाद वे एनआरसी के लिए आवेदन करने में नाकाम रहीं।’
स्रोत: नवभारत टाइम्स