असम चुनाव में कांग्रेस को खलेगी तरुण गोगोई की गैरमौजूदगी

   

नई दिल्ली, 11 दिसंबर । 2021 असम विधानसभा चुनाव में अब कुछ ही महीने बचे हैं, ऐसे में भाजपा को हराने के लिए विपक्षी कांग्रेस को निश्चित रूप से राज्य के दिग्गज और सबसे लंबे समय तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे तरुण गोगोई की गैरमौजूदगी खल रही है। गोगोई का 23 नवंबर को निधन हो गया था।

भले ही कांग्रेस के पास राज्य में कई युवा नेता हैं, जिन्होंने अपनी विरासत को आगे बढ़ाया, जिसमें गोगोई का बेटा भी शामिल है, लेकिन पार्टी निश्चित रूप से सबसे लंबे तक असम की राजनीति में उनके अपना दबदबा रखने वाले गोगोई का विकल्प नहीं ढूंढ पा रही है।

कांग्रेस पार्टी, जिसे ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के साथ गठबंधन में जाने की संभावना है, के पास कुछ ही नेता हैं, जो मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल और हेमंत बिस्वा शर्मा की जोड़ी का मुकाबला कर सके। इन दोनों नेताओं ने असम में पहली बार भाजपा की सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

कांग्रेस के पास देवव्रत सैकिया जैसे युवा नेता हैं, जो विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं और पूर्व मुख्यमंत्री हितेश्वर सैकिया के पुत्र भी हैं; गौरव गोगोई, जो तरुण गोगोई के बेटे और लोकसभा सांसद हैं; रिपुन बोरा, जो राज्य इकाई के अध्यक्ष हैं; और सुष्मिता देव, जो अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष हैं और एक और दिवंगत कांग्रेस के दिग्गज संतोष मोहन देव की बेटी हैं।

पार्टी सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस किसी मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के बिना ही विधानसभा चुनावों में जा सकती है और परिणाम सामने आने के बाद ही इस पर फैसला करेगी।

कांग्रेस विकास के मुद्दे पर आने वाला चुनाव लड़ना चाहती है और भाजपा के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) और अन्य भवनात्मक मुद्दों पर नहीं उलझना चाहती।

असम मामलों के प्रभारी कांग्रेस महासचिव जितेंद्र सिंह ने हाल ही में राजनीतिक स्थिति का जायजा लेने के लिए असम का पांच दिवसीय दौरा किया। उन्होंने कहा, मैंने राष्ट्रीय राजमार्ग पर कछार से दीमा हसाओ तक ड्राइव किया। 2014 में भाजपा द्वारा इस सड़क को एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनाया गया था, लेकिन वे इसे ठीक करने में बुरी तरह विफल रहे। मुझे 40 किमी की दूरी तय करने में पांच घंटे से अधिक का समय लगा।

उन्होंने कहा कि वह बराक घाटी क्षेत्र, सिलचर में भी गए और राज्य के नेताओं और जिला समितियों के पदाधिकारियों के साथ बैठकें कीं ताकि पब्लिक मूड का पता चल सके।

सुष्मिता देव ने कहा कि लोग राज्य में कांग्रेस को वापस लाने के लिए तैयार हैं। लोगों और कांग्रेस कार्यकतार्ओं का उत्साह उत्साहजनक है।

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