असम- मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में आए 3 साल के बच्चे की काली जैकेट ठंड में उतरवाई

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असम में मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के एक कार्यक्रम में मां के साथ शामिल होने आए तीन साल के बच्चे की काली जैकेट सुरक्षाकर्मियों ने उतरा दी. बच्चे की मां द्वारा उसका जैकेट उतारे जाने की घटना का वीडियो वायरल होने के बाद राज्य की भाजपा सरकार की सोशल मीडिया पर काफी आलोचना हो रही है.

मामला असम के बिश्वनाथ ज़िले का है. इस घटना की कड़ी आलोचना होने के बाद सीएम सर्बानंद सोनोवाल ने असम डीजीपी कुलधर सैकिया को घटना की जांच के निर्देश दिए हैं. 

एक वीडियो में बच्चे की मां पत्रकारों से कहती दिख रही है, ‘मेरा तीन वर्षीय बच्चा काली जैकेट पहने हुए था. सुरक्षा बलों ने उसे जैकेट पहनकर परिसर में जाने की अनुमति नहीं दी. सुरक्षा बलों ने मुझसे उसकी जैकेट उतारने को कहा.’ जैकेट उतरने के बाद बच्चे ने कड़कड़ाती ठंड में केवल एक कमीज पहन रखी थी.

मालूम हो कि नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ असम में व्यापक प्रदर्शन हो रहे हैं. पिछले कुछ सप्ताहों के दौरान मंत्रियों और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को उनके दौरे पर काले झंडे दिखाकर स्थानीय लोग अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं. इसलिए कई जगह होने वाले कार्यक्रमों में काले रंग के कपड़ों और वस्तुओं के साथ शामिल होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.

असम पुलिस ने बीती 26 जनवरी को नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध की आशंका के मद्देनज़र गणतंत्र दिवस के अधिकारिक कार्यक्रमों में  गया.

स्थानीय लोगों ने विधेयक के खिलाफ जारी प्रदर्शनों के बीच पिछले कुछ सप्ताह में मुख्यमंत्री, मंत्रियों और वरिष्ठ भाजपा नेताओं को काले झंडे दिखाए जाने का जिक्र करते हुए कहा, ‘पुलिसकर्मियों को काले रंग से डर लगने लगा है. उन्होंने एक बच्चे को भी ठंड में काली जैकेट उतारने पर मजबूर किया. उन्हें डर है कि काले कपड़े प्रदर्शन करने का जरिया हो सकते हैं.’

गुवाहाटी में गणतंत्र दिवस समारोह में असम पुलिस के सुरक्षाकर्मियों ने प्रत्येक व्यक्ति से पूछा था कि कहीं उनके पास काले रंग का रूमाल तो नहीं है.

असम पुलिस के एक सिपाही ने बताया, ‘हमने लोगों से पूछा कि क्या उनके पास काले रंग का कोई भी कपड़ा है? उन्हें मैदान में काले रंग का कोई भी सामान लाने की अनुमति नहीं है.’ साथ ही सिपाही ने काले कपड़ों, रूमाल, मफलर, शॉल, स्वेटर, यहां तक कि सिर पर लगाए जाने वाले बैंड का ढेर दिखाया. यह सामान लोगों से लिया गया था.