आंध्र प्रदेश में हर समुदाय से होगा उपमुख्यमंत्री, पांच डिप्टी सीएम लेंगे शपथ !

,

   

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए अपने 25 सदस्यीय मंत्रिमंडल में पांच उपमुख्यमंत्री नियुक्त करने का शुक्रवार को फैसला किया। नए मंत्रिपरिषद का गठन शनिवार को एक सार्वजनिक कार्यक्रम में किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने शुक्रवार सुबह यहां अपने आवास में वाईएसआर कांग्रेस विधायक दल की बैठक की जिसमें उन्होंने पांच उप मुख्यमंत्री नियुक्त करने के अपने फैसले की घोषणा की। जगन के इस फैसले को एक क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है जिसका मकसद इन सभी समुदायों को साधे रखना है।

पांच वर्गों से पांच डिप्टी सीएम
जगन की सरकार में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक और राज्य के प्रभावशाली कापू समुदाय से एक-एक उपमुख्यमंत्री बनाया जाएगा। उन्होंने अपने विधायकों को यह भी बताया कि कैबिनेट में मुख्य रूप से कमजोर वर्गों के सदस्य होंगे जबकि अपेक्षा यह की जा रही थी कि रेड्डी समुदाय को मंत्रिमंडल में मुख्य स्थान मिलेगा। रेड्डी ने बताया कि ढाई साल बाद सरकार के प्रदर्शन की समीक्षा के पश्चात फिर से मंत्रिमंडल में फेरबदल किया जाएगा।

चंद्रबाबू ने बनाए थे दो डिप्टी सीएम
इससे पहले आंध्र में एन चंद्रबाबू नायडू की सरकार में कापू और पिछड़ा समुदायों का एक-एक उप मुख्यमंत्री बनाया गया था।

यूपी में दो डिप्टी सीएम 
उत्तर प्रदेश में जब 2017 में भाजपा सरकार बनी तो योगी आदित्यनाथ ने दो उपमुख्यमंत्री बनाए थे। यहां दिनेश शर्मा और केशव मौर्य उपमुख्यमंत्री हैं।

राजस्थान में पायलट डिप्टी सीएम
राजस्थान में 2018 में कांग्रेस सरकार सत्ता में आई तो यहां अशोक गहलोत को सीएम और सचिन पायलट को डिप्टी सीएम बनाया गया। जबकि कर्नाटक में जी परमेश्वर और दिल्ली में मनीष सिसोदिया डिप्टी सीएम हैं। बिहार में नीतीश सरकार में सुशील मोदी डिप्टी सीएम हैं जबकि इससे पहले राजद के साथ सरकार बनी थी तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम थे। गुजरात में नितिन पटेल डिप्टी सीएम हैं।

तुष्टिकरण के लिए डिप्टी सीएम 
आजादी के बाद से अब तक राज्यों में सत्ताधारी पार्टियों द्वारा राजनीतिक जरूरत के मुताबिक उपमुख्यमंत्री पद का सृजन किया जाता रहा है।

संवैधानिक पद नहीं 
उप मुख्यमंत्री का पद संवैधानिक नहीं है। इस पद पर आसीन व्यक्ति को मुख्यमंत्री की शक्तियां प्राप्त नहीं होतीं और न ही वह मुख्यमंत्री अनुपस्थिति में प्रदेश की अगुवाई कर सकता है। उसे कोई अतिरिक्त वेतन, भत्ता देने का भी प्रावधन नहीं है।

पहले डिप्टी पीएम सरदार पटेल
पंडित नेहरू की सरकार में सरदार वल्लभ भाई पटेल डिप्टी पीएम थे। सन 1977 में मोरारजी सरकार में जगजीवन राम और चौधरी चरण सिंह डिप्टी पीएम बने थे।
1989 में वीपी सिंह की सरकार में देवीलाल डिप्टी पीएम बने थे।
1979 में चौधरी चरण सिंह की सरकार में वाईबी चह्वाण डिप्टी पीएम रहे।
2002 से 2004 तक लालकृष्ण आडवाणी डिप्टी पीएम रहे।

मंत्री पद की ही शपथ 
कोई डिप्टी पीएम या डिप्टी सीएम शपथ लेते समय मंत्री की ही शपथ लेता है। हालांकि देवीलाल ने खुद को डिप्टी पीएम कहकर शपथ ली थी। इससे बाद हुए विवाद में अटॉर्नी जनरल सोली सोराबाजी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि उप-प्रधानमंत्री का संविधान में कोई प्रमाण नहीं है और देवीलाल एक मंत्री की तरह ही रहेंगे।