आखिर क्यों मुस्लिम देश आपस में उलझने की कोशिश कर रहे हैं?

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मिस्र की सरकारी रिपोर्ट में बताया गया है कि इस देश में अशांति फैलाने के लिए संयुक्त अरब इमारात ने विध्वंसकारी गुटों की आर्थिक सहायता की है।

पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, मिस्र के अश्शरूक़ समाचारपत्र के अनुसार क़ाहिरा के क्रिमिनल कोर्ट ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि क़ाहिरा में स्थित यूएई के दूतावास ने इस देश में अशांति उत्पन्न करने के उद्देश्य से विध्वंसकारियों की आर्थिक सहायता की है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि यूएई ने मिस्र में सक्रिय सशस्त्र गुटों का समर्थन किया ताकि वे इस देश में उपद्रव फैलाएं। मिस्र के फौजदारी न्यायालय की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि संयुक्त अरब इमारात ने इस देश के पूर्व राष्ट्रपति मुहम्मद मुर्सी के काल में भी उनके विरोघी गुटों का आर्थिक समर्थन किया था जिसके परिणाम स्वरूप उनका तख़्ता पलट गया था।

उल्लेखनीय है कि मिस्र के फौजदारी न्यायालय की यह रिपोर्ट इस स्थिति में सामने आई है कि जब मिस्र की वर्तमान सरकार के साथ यूएई के संबन्ध सौहार्दपूर्ण हैं।