आचार संहिता के पालन को लेकर पूर्व नौकरशाहों ने राष्ट्रपति को लिखा ख़त

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देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के साथ ही आचार संहिता के पालन के प्रति चुनाव आयोग की भूमिका को लेकर देश के 66 पूर्व नौकरशाहों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखा है। इस पत्र पर पूर्व विदेश सचिव शिवशंकर मेनन, दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग, पंजाब के पूर्व डीजीपी जुलियो रिबेरो, प्रसार भारती के पूर्व सीईओ जवाहर सरकार और ट्राई के पूर्व चेयरमैन राजीव खुल्लर समेत कुल 66 पूर्व नौकरशाहों ने हस्ताक्षर किए हैं। पत्र में चुनाव आयोग के काम करने के तरीके पर सवाल उठाए गए हैं।

चुनाव आयोग ने नहीं सुनी शिकायत
चुनाव आयोग की शिकायत करते हुए ‘ऑपरेशन शक्ति’ के दौरान एंटी सैटेलाइट मिसाइल के सफल परीक्षण के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन, नरेंद्र मोदी पर बनी बायोपिक फिल्म, वेब सीरीज, टीवी सीरियल में मोदी सरकार का महिमामंडन, टीवी सीरियल्स में मोदी सरकार की योजनाओं को दिखाना और भाजपा के कई नेताओं के आपत्तिजनक भाषणों का जिक्र भी किया गया है। पूर्व नौकरशाहों का आरोप है कि इसपर चुनाव आयोग में शिकायत भी की गई, लेकिन शिकायत के बावजूद महज दिखावे की ही कार्रवाई हुई।
केंद्र पर मनमानी का आरोप
पत्र में कहा गया है कि सत्तारूढ़ दल और केंद्र सरकार अपने रुतबे का दुरुपयोग मनमाने ढंग से करते हुए आचार संहिता की धज्जियां उड़ा रही है। उनके ऐसे मनमाने कामकाज से साफ है कि चुनाव आयोग के प्रति भी उनके मन में कोई सम्मान नहीं है। गौरतलब है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखे जाने से पहले चुनाव आयोग को भी एक पत्र लिखा गया था, लेकिन इस पर चुनाव आयोग ने कोई कदम नहीं उठाया है।
भविष्यवाणी पर रोक
इस बीच, चुनाव आयोग ने निर्देश जारी करते हुए 11 अप्रैल से शुरू हो रहे लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से अंतिम चरण तक मीडिया संस्थान और ज्योतिषी चुनाव को लेकर किसी तरह के चुनावी सर्वेक्षण या भविष्यवाणी पर रोक लगा दी है। आयोग की ओर से सोमवार को जारी निर्देश के अनुसार 11 अप्रैल को सुबह सात बजे पहले चरण का मतदान शुरू होने से 19 मई को शाम साढ़े छह बजे सातवें चरण का मतदान होने तक किसी भी तरह की भविष्यवाणी, चुनावी सर्वेक्षण और चुनाव परिणाम संबंधी आकलन नहीं किया जा सकेगा।