आजम खान के खिलाफ बोलने पर कांग्रेस ने इस नेता को पार्टी से निकाला !

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सांसद मोहम्मद आजम खां और उनके मामले को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ बयानबाजी करना कांग्रेस नेता फैसल लाला  को भारी पड़ गया। कांग्रेस अनुशासन समिति ने उन्हें छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है।

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के रामपुर आगमन को लेकर मुतीउर्रहमान खां बबलू और फैसल लाला ने विरोध-प्रदर्शन का ऐलान किया था। इससे पहले भी दोनों नेता लगातार आजम खां के खिलाफ बयानबाजी, धरना-प्रदर्शन आदि करते रहे हैं। पूर्व में जब सपा की समिति रामपुर आयी थी, उस वक्त भी धरना-प्रदर्शन किया गया था। कांग्रेस अनुशासन समिति के सदस्य विनोद चौधरी की ओर से मुतीउर्रहमान खां बबलू और फैसल लाला को नोटिस जारी कर पांच दिन में जवाब देने को कहा था।

कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के निवर्तमान प्रदेश उपाध्यक्ष फैसल लाला नोटिस मिलने के बाद और मुखर हो गए थे। आंदोलन को और धार देने लगे थे। इतना ही नहीं प्रियंका गांधी से लेकर सोनिया गांधी तक को उन्होंने बेहद तल्ख लहजे में चिट्ठी लिखी जिसमें अनुशासन समिति पर ही गंभीर आरोप लगाए थे।

अनुशासन समिति के सदस्य एवं पूर्व विधायक राज जियावन की ओर से जारी छह साल के उनके निष्कासन पत्र में साफ कहा है कि सपा अध्यक्ष के खिलाफ अनर्गल बयानबाजी कांग्रेस की नीतियों के खिलाफ है। आरोप है कि भाजपा की गोद में बैठकर फैसल लाला कांग्रेस की छवि धूमिल कर रहे हैं। जिस पर उन्हें कांग्रेस से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है।

मजलूमों की आवाज उठाना मेरी बगावत: फैसल

फैसल लाला ने कहा है कि वह जन्म से कांग्रेसी हैं। उन्होंने कोई ऐसा काम नहीं किया है, जिससे पार्टी की छवि धूमिल हो, बल्कि जो काम प्रियंका गांधी कर रही हैं, भट्टा परसौल से लेकर सोनभद्र तक जिस तरह उन्होंने पीड़ितों की आवाज उठाई है, मैंने उन्हें अपना आदर्श मानकर रामपुर में पीड़ितों की आवाज उठाई। यदि मेरा ऐसा करना बगावत है तो मैं बागी हूं।