आज जारी होगी NRC की अंतिम सूची, हाई अलर्ट जारी

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1951 के बाद पहली बार असम में हो रही नागरिकता की पहचान का काम सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हो रहा है। शनिवार को जारी होने वाली एनआरसी की अंतिम सूची को लेकर लाखों लोगों के दिल की धड़कन अपने भविष्य को लेकर बढ़ी हुई हैं।

हालांकि राज्य सरकार ने सूची में नाम नहीं आने पर लोगों को भयभीत नहीं होने और हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। साथ ही अपनी नागरिकता साबित करने के लिए चार महीने की मोहलत भी दी जाएगी। वहीं, किसी भी अप्रिय वारदात से निपटने के लिए सुरक्षा व्यवस्था भी चाक चौबंद की गई है। बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है। संवेदनशील जगहों पर विशेष चौकसी की जा रही है।

वहीं, मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने एनआरसी की सूची से बाहर रहने वाले लोगों से आतंकित या भयभीत नहीं होने की अपील की है। उन्होंने कहा कि सरकार हर सच्चे भारतीय को उसकी नागरिकता साबित करने के लिए हरसंभव कदम उठाएगी और गरीबों को कानूनी मदद भी करेगी। उन्होंने कहा कि अंतिम सूची से बाहर लोगों को तत्काल हिरासत केंद्रों में नहीं भेजा जाएगा।

41 लाख लोगों के भविष्य का होगा फैसला, सुरक्षा व्यवस्था कड़ी 

पूर्वोत्तर राज्य असम में भारी तनाव, आशंकाओं और कड़ी सुरक्षा के बीच शनिवार को लगभग 41 लाख लोगों के भविष्य का फैसला होगा।  शनिवार सुबह दस बजे एनआरसी की सूची ऑनलाइन हो जाएगी। लोग घर बैठे इसमें अपना नाम जांच सकते हैं। जिनके पास इंटरनेट कनेक्शन नहीं हैं वे सरकार की ओर से स्थापित सेवा केंद्रों में जाकर अपनी स्थिति का पता लगा सकते हैं।

37 लाख लोगाें ने नए दस्तावेजों के साथ की अपील

बीते साल 30 जुलाई को जारी एनआरसी के मसविदे में 40.7 लाख लोगों के नाम शामिल नहीं थे। उसके बाद इस साल 26 जून को जारी एक अन्य सूची में एक लाख अतिरिक्त नामों को भी हटा दिया गया था। उसके बाद इनमें से लगभग 37 लाख लोगों ने नए दस्तावेजों के साथ दोबारा अपील की है। इसके अलावा पहले से सूची में शामिल लगभग दो लाख नामों पर आपत्तियां भी दर्ज कराई गई हैं।

14 जिले संवेदनशील घोषित, सुरक्षा व्यवस्था कड़ी

राज्य में फैले तनाव को ध्यान में रखते हुए किसी गड़बड़ी के अंदेशे से तमाम इलाकों में सुरक्षा बेहद कड़ी कर दी गई है। राज्य पुलिस के जवानों के अलावा भारी तादाद में केंद्रीय बलों को भी तैनात किया गया है। राज्य के 14 जिलों को संवेदनशील घोषित कर वहां निगरानी की खास व्यवस्था की गई है। केंद्र ने सशस्त्र बलों के 20 हजार अतिरिक्त जवानों को असम भेजा है। पूरे राज्य में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। सरकार ने एनआरसी में शामिल नहीं होने वाले लोगों को राहत देते हुए उनको हिरासत केंद्रों में भेजने से पहले दस महीने का समय देने का फैसला किया है। ऐसे लोग चार महीने के भीतर अपील कर सकते हैं। उनकी अपील पर अगले छह महीनों के दौरान फैसला हो जाएगा।

सूची से बाहर हुए लोगों को अपील करने की सीमा 120 दिन बढ़ी 

मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा है कि एनआरसी की अंतिम सूची से बाहर हुए लोगों को तुरंत हिरासत केंद्रों में नहीं भेजा जाएगा। पुलिस ने बताया कि विदेशी न्यायाधिकरण में अपील करने की समय सीमा 60 से बढ़ाकर 120 कर दी गई है। सरकार ने ऐसे जरूरतमंदों को मुफ्त कानून सहायता मुहैया कराने का भी भरोसा दिया है। राज्य में अगले महीने तक दो सौ अतिरिक्त विदेशी न्यायाधिकरणों की स्थापना की जाएगी। सरकार ने लोगों से शांति बनाए रखने व अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील की है। पुलिस ने अफवाहों पर अंकुश लगाने के लिए सोशल मीडिया की कड़ी निगरानी शुरू कर दी है।