आतंकवादी घटना को इस्लाम से जोड़ना सही नहीं- इमाम बुखारी

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कई मुस्लिम संगठनों और नेताओं ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर में सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमले की निंदा की और रेखांकित किया कि पूरा देश इस दुख की घड़ी में सुरक्षा बलों के साथ खड़ा था।

दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम मौलाना अहमद बुखारी ने एक बयान में मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कश्मीर घाटी में सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ खुफिया एजेंसियों की दक्षता पर भी सवाल उठाए, “जो कि आपस में समन्वय की कमी थी”।

जमीयत उलमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना महमूद मदनी ने भी हमले की कड़ी निंदा की और कहा कि इस तरह के आतंकी हमलों ने इस्लाम की पवित्र आत्मा का हनन किया।

मदनी ने कहा, “सभी भारतीय नागरिक मृत सैनिकों के शोक संतप्त परिवारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं और आतंकवादियों की निंदा में एकजुट हैं।”

ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस-ए-मुशावरत के अध्यक्ष नावेद हामिद ने कहा कि इस तरह के भयावह हमले की निंदा करने के लिए “निंदा” एक छोटा शब्द होगा। उन्होंने कहा, “मेरा दिल पुलवामा आतंकी हमले में शहीद सीआरपीएफ के दर्जनों जवानों के परिवारों के लिए है।अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस हमले की सूचना लेने की जरूरत है और वास्तविक दोषियों का पता लगाने का समय है।”

कश्मीर के पुलवामा में हुई आतंकी घटना की चौतरफा निंदा हो रही है। आज दिल्ली की छोटी मस्जिदों के साथ साथ बड़ी मस्जिदों के इमामों ने भी जुमा की नमाज से पहले मुसलमानों को संबोधित करते हुए इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा की। साथ ही सरकार से इस घटना के जिम्मेदार लोगों की पहचान कर उन्हें सख्त से सख्त सजा देने का की मांग भी की है।

दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम मौलाना सैय्यद अहमद बुखारी ने जुमा की नमाज से पहले दिए जाने वाले खुत्बे में पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकवादी हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा गया कि यह कायरतापूर्ण और बर्बरतापूर्ण कार्रवाई है। उन्होंने कहा कि इसकी जितनी भी निंदा की जाए कम है।

उन्होंने शहीद जवानों के परिवारों के के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा है कि पूरा मुल्क उनके साथ है। उन्होंने सरकार से इस घटना में शामिल लोगों की पहचान करने और उन्हें कठोर से कठोर सजा दिए जाने की मांग की है।

उन्होंने कहा कि किसी भी आतंकवादी घटना को इस्लाम से जोड़ना सही नहीं है क्योंकि इस्लाम का आतंकवाद से कोई लेना देना नहीं है। इस्लाम दुनिया में शांति और अमन का पैगाम देने वाला धर्म है।

इसी प्रकार शाही मस्जिद फतेहपुरी के इमाम डॉक्टर मुफ्ती मुकर्रम अहमद ने भी आज जुमे की नमाज से पहले अपने संबोधन में कहा कि पुलवामा में हुई आतंकवादी घटना ने पूरे मुल्क को गमगीन कर दिया है।

उन्होंने कहा कि इस घटना को अंजाम देने वाले लोग अपने आपको इस्लाम पैरोकार ना समझें क्योंकि इस्लाम इंसानियत के कत्ल की इजाजत बिल्कुल नहीं देता है। उन्होंने कहा की घटना में शामिल लोग इस्लाम को बदनाम कर रहे हैं जबकि इस्लाम का मूल सिद्धांत पूरे विश्व में शांति की स्थापना करना है। उन्होंने सरकार से इस घटना में शामिल लोगों को कड़ी से कड़ी सजा दिए जाने की मांग भी की है।

ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना उमैर अहमद इलियासी ने कर्जन रोड स्थित मस्जिद में जुमे की नमाज अदा करने के लिए उपस्थित मुसलमानों को से कहा कि पुलवामा में कल जो भी घटना घटी है, वह निंदनीय है।

उन्होंने कहा कि इस घटना के पीछे जो लोग भी शामिल हैं, सरकार उन्हें गिरफ्तार कर अंजाम तक जरूर पहुंचाएगी। उन्होंने कहा कि कश्मीर में व्याप्त हिंसा के पीछे पड़ोसी देश पाकिस्तान का हाथ है। यह किसी से छिपा नहीं है लेकिन हमारी सुरक्षा एजेंसियों को भी हमेशा पाकिस्तान के नापाक कोशिशों को रोकने के लिए चाक-चौबंद रहना चाहिए।